बिहार में चुनाव से पहले वोटिंग अधिकारों को लेकर गरमाई सियासत, सुप्रीम कोर्ट देगा फैसला

नई दिल्ली: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब कोर्ट इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को करेगा।

क्या है मामला?

चुनाव आयोग ने बिहार में SIR के तहत वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की है, जिस पर आपत्ति जताते हुए कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह प्रक्रिया लाखों गरीब, महिला और प्रवासी मतदाताओं को मताधिकार से वंचित कर सकती है।

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि यह फैसला संवेदनशील समय पर लिया गया है और इसकी वैधानिकता पर गंभीर सवाल हैं। कोर्ट ने जब पूछा कि बिहार में चुनाव कब प्रस्तावित हैं, तो बताया गया कि चुनाव इस साल के अंत में हो सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने जल्द सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की।

कौन-कौन पहुँचा सुप्रीम कोर्ट? इस मामले में याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं:

राष्ट्रीय जनता दल (RJD),टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा , सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव , चुनाव सुधारों से जुड़ा संगठन ADR (Association for Democratic Reforms)इन सभी ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग का यह निर्णय मनमाना और असंवैधानिक है, जिससे लाखों मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं।

चुनाव आयोग की सफाई

विवाद के बीच निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यह अभियान चुनावी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए 11 मान्य दस्तावेजों की सूची जारी की है। इन दस्तावेजों में से कोई भी एक बीएलओ (Booth Level Officer) को देने पर नाम जोड़ा जाएगा।

बिहार प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस अभियान से जुड़ी जानकारी साझा करते हुए लिखा: "सोच बदलिए, भ्रम छोड़िए — वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए 11 में से कोई एक दस्तावेज दें।"

महत्वपूर्ण तिथियाँ – विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 (बिहार) हाउस-टू-हाउस सर्वेक्षण: 25 जून – 26 जुलाई ,ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन: 1 अगस्त , दावे और आपत्तियाँ: 1 अगस्त – 1 सितंबर और अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन: 30 सितंबर

वोटर्स के लिए हेल्पलाइन

चुनाव आयोग ने हेल्पलाइन नंबर 1950 जारी किया है, जिस पर कॉल कर दस्तावेज़ संबंधी जानकारी ली जा सकती है। साथ ही QR कोड स्कैन कर ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी दी गई है।