पूर्वांचल के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की अवैध कब्जे वाली प्राइम लोकेशन की जमीन पर आज 72 गरीब परिवारों को नया घर मिला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों को नए फ्लैटों की चाबियां सौंपते हुए कहा, ‘माफिया किसी का नहीं होता, वह गरीबों का शोषण करता है. लेकिन अब युग बदल चुका है. जो जमीन माफियाओं की गोद में थी, वह अब गरीबों की गोद में है.’
ये फ्लैट डालीबाग क्षेत्र में उस जमीन पर बनाए गए हैं, जिसे पहले माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे से खाली कराया गया था. इन फ्लैटों को सरदार वल्लभ भाई पटेल आवासीय योजना के तहत तैयार किया गया है. कुल 72 फ्लैट बनाए गए हैं, जिनकी कीमत 10.70 लाख रुपये प्रति फ्लैट रखी गई है. मंगलवार को इन फ्लैटों की लॉटरी निकाली गई, जिसमें लाभार्थियों का चयन हुआ.
लंबे समय तक रहा कब्जा
लखनऊ के हृदयस्थल हजरतगंज के पॉश डालीबाग इलाके में स्थित यह लगभग 2,322 वर्ग मीटर की जमीन लंबे समय से मुख्तार अंसारी के गिरोह के कब्जे में थी. 2020 में योगी सरकार ने बुलडोजर की ताकत से इसे मुक्त कराया था. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य की इस जमीन पर सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना के तहत तीन जी+3 मंजिला ब्लॉक बनवाए.
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर डालीबाग की 2,322 वर्गमीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया था. उसी भूमि पर एलडीए ने यह आवासीय योजना शुरू की. उन्होंने बताया कि इस योजना में तीन ब्लॉकों में कुल 72 फ्लैट बनाए गए हैं.
क्या-क्या है सुविधा?
प्रत्येक फ्लैट का आकार 36.65 वर्गमीटर है. परियोजना शहर के बीचोंबीच है और यहां से 1090 चौराहा, नरही, सिकंदरबाग और हजरतगंज जैसी जगहें सिर्फ 5 से 10 मिनट की दूरी पर हैं.
इन फ्लैटों में स्वच्छ पानी, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था और दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा दी गई है. परिसर में सड़क और पार्क जैसी बाहरी विकास सुविधाएं भी पूरी की जा चुकी हैं. एलडीए ने बताया कि योजना के लिए 4 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे. इस दौरान करीब 8,000 लोगों ने पंजीकरण कराया था.
लॉटरी में चुने गए 72 परिवारों को आज सीएम योगी ने मंच पर चाबियां सौंपीं. एक महिला लाभार्थी ने आंसुओं से भरी आंखों से कहा, “हम जैसे गरीबों के लिए यह सपना ही था कि हजरतगंज जैसे इलाके में अपना घर हो. मुख्तार साहब के जमाने में तो यह इलाका डर का पर्याय था, अब खुशहाली का.” वह हजरतगंज में ही मजदूरी करती हैं और उनका परिवार किराए के मकान में गुजारा कर रहा था.
गिरोह की 600 करोड़ की संपत्ति जब्त
मुख्तार अंसारी, जिसने अपने 60 वर्षों के जीवन का अधिकांश समय अपराध, हत्या और जबरन वसूली के आरोपों में घिरकर बिताया, पूर्व राजनेता के रूप में भी जाना जाता था. उसके गिरोह के 292 सदस्यों की संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं, जिनकी कीमत 600 करोड़ रुपये से अधिक है. 2023 में प्रयागराज में अतीक अहमद की जमीन पर गरीबों के लिए घर बनाने के बाद यह दूसरा बड़ा उदाहरण है.
योगी सरकार ने मुख्तार के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर इस जमीन को शत्रु संपत्ति (पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्ति) के रूप में पहचाना और एलडीए को सौंप दिया. एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया, “यह सीएम की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का परिणाम है. माफिया की जमीन अब समाज के अंतिम व्यक्ति की हो गई.”
कार्यक्रम कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर हुआ, जिसे योगी ने भाग्यशाली बताया. साथ ही अटल नगर (पारा क्षेत्र में) नामक दूसरी योजना भी लॉन्च की गई, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित है, भाजपा सरकारों के लिए सुशासन की प्रेरणा के रूप में.
