लखनऊ: शहर की दौड़ के बीच गांव में सुकून तलाशने की कवायद को सरकार पर्यटन विकास की नई संभावनाओं के रूप में देख रही है। इसलिए पर्यटन विभाग ने पहली बार फार्म स्टे होम विकसित करने के लिए प्रस्ताव मांगे है। फार्म स्टे होम ऐसा पर्यटक आवास होगा, जो खेत या उसके पास बनाया जाएगा। यह मालिक के घर से अलग होगा। इसमें कम से कम दो किराए पर देने योग्य कमरे और एक रिसेप्शन क्षेत्र अनिवार्य रूप से होगा। सरकार ने फार्म स्टे पर 10 से 25 प्रतिशत तक निवेश सब्सिडी देने का भी फैसला किया है। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि हर फार्म स्टे में पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए कृषि कार्य, बागवानी, मत्स्य पालन, डेयरी फार्मिंग, पशुपालन, फार्म टूर या अन्य स्वीकृत ग्रामीण गतिविधियां उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इससे पर्यटकों को खेती-बाड़ी, ग्रामीण संस्कृति और गांवों में आतिथ्य सत्कार का विशेष अनुभव मिलेगा। फार्म-स्टे से न केवल पर्यटन को नई पहचान मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। योजना के तहत 10 लाख से लेकर 500 करोड़ से अधिक के निवेश पर अलग-अलग सब्सिडी भी सरकार देगी।
एससी-एसटी, महिला उद्यमियों को विशेष रियायतें
फार्म स्टे होम बनाने के लिए महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को विशेष रियायतें मिलेंगी। इसी तरह फोकस टूरिजम डेस्टिनेशन में स्थापित किए जाने वाले प्रॉजेक्ट्स को भी 5% अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाएगी। हालांकि, सभी सब्सिडी मिलाकर अधिकतम सीमा 30% तक ही सीमित रहेगी। इसके अलावा सरकार ब्याज पर भी सब्सिडी देगी। 5 करोड़ तक के बैंक लोन पर 5% ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
एक निवेशक को हर साल अधिकतम 25 लाख सालाना तक की सब्सिडी मिल सकेगी, जो 5 साल तक लागू रहेगी। वहीं, स्टांप ड्यूटी, डिवेलपमेंट चार्ज, लैंड यूज चेंज चार्ज पर 100% छूट दी जाएगी। ऐसी इकाइयों जो 50 या उससे अधिक स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगी, उन्हें नियोक्ता की ओर से जमा किए जाने वाले ईपीएफ योगदान की प्रतिपूर्ति 5 साल तक सरकार करेगी। यदि कोई इकाई दिव्यांग कर्मचारियों को रोजगार देती है, तो उसे प्रति कर्मचारी 1,500 प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह सुविधा अधिकतम 5 कर्मचारियों तक मान्य होगी।
इतनी मिलेगी सब्सिडी
- 10 करोड़ तक के निवेश पर 25% (अधिकतम 2 करोड़)
- 50 करोड़ तक के निवेश पर 20% (अधिकतम 7.50 करोड़)
- 200 करोड़ तक के निवेश पर 15% (अधिकतम 20 करोड़ )
- 500 करोड़ से अधिक के निवेश पर 10% (अधिकतम 40 करोड़)