राहुल गांधी ‘प्रोपगेंडा किंग’ हैं, घुसपैठियों का वोट बैंक बचाना उनका एजेंडा: अनुराग ठाकुर का हमला

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि बिहार चुनाव में हारने के डर से राहुल गांधी एवं विपक्षी दल देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ गलत बयानबाजी और झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले 60 वर्षों तक सत्ता में रहने के दौरान वोट चोरी का काम करने के साथ साथ संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को 1952 के चुनाव में हरवाने का भी काम किया था।

उन्होंने कहा, “1952 से अगर हम शुरुआत करें तो, कांग्रेस और सीपीआई ने मिलकर संविधान निर्माता, एक संत जैसे नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुनाव हरवाया। चुनावी भ्रष्टाचार की नींव कांग्रेस ने पहले चुनाव 1952 में ही रख दी थी। आप रिकॉर्ड चेक कीजिए, 74,333 वोट खारिज किए गए थे, जबकि अंबेडकर जी मात्र 14,561 वोट से हारे थे। कांग्रेस ने तो संविधान निर्माता, एक दलित नेता को पहले चुनाव में ही निपटाने का काम किया। आप कल्पना कीजिए, जिन्होंने संविधान बनाया था, उसी को कांग्रेस परिवार ने चुनाव में धांधली कर हरा दिया।”

भाजपा नेता ने राहुल गांधी को ‘प्रोपगेंडा किंग’ करार देते हुए कहा कि वह देश की जनता को गुमराह करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि खराब करने के लिए मतदाता सूची को लेकर हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम आरोप लगाना और झूठा साबित होने पर अदालत में माफी मांगना आम बात है। उन्होंने कांग्रेस व विपक्षी दलों पर वोट चोर बताते हुए एक प्रजेंटेशन भी दिया और रायबरेली, वायनाड, कन्नौज समेत कई संसदीय क्षेत्रों में संदिग्ध मतदाताओं की भी जानकारी दी।

अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘’कल कांग्रेस के कुछ लोग कह रहे थे कि राहुल गांधी और विपक्ष के नेताओं ने बवंडर खड़ा किया। मैं कहता हूं कि राहुल गांधी बवंडर नहीं, ब्लंडर है। राहुल गांधी ने आज तक जितने आरोप लगाए वे निराधार और तथ्यों से परे हैं। मैं राहुल जी को यही कहूंगा कि ‘धूल चेहरे पर थी और आप आईना साफ करते रहे।’’

उन्होंने कहा कि देश में 90 बार चुनाव हारने का रिकॉर्ड राहुल गांधी के नाम है, और पार्टी के अंदर भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि जब वे चुनाव हार जाते हैं, तो कभी ईवीएम पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं, या मतदाताओं पर ठीकरा फोड़ते हैं। भाजपा नेता ने कड़े शब्दों में कहा कि इस परिवार और पार्टी का शुरू से चलन रहा है कि चुनाव हारते हो तो चुनाव आयोग पर, मतदाताओं पर या चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दो।

अनुराग ठाकुर ने कहा “ कांग्रेस ने पहले कहा था कि ईवीएम मशीन के साथ हेराफेरी होती है, ईवीएम बैन करो, बैलेट पेपर लाओ, फिर कहा ईवीएम को रिमोट से हैक किया जा सकता है। इसके बाद वीवीपैट 100 प्रतिशत चेक सुनिश्चित करने की बात कही। कांग्रेस ने कभी आत्मचिंतन नहीं किया, लेकिन ईवीएम से लेकर संवैधानिक संस्थाओं तक पर आरोप जरूर लगाती रही है।”

उन्होंने कहा, “अब बिहार चुनाव हारता हुआ देख पहले ही कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों के साथ मिलकर झूठे आरोप लगाने में जुटी है। इंदिरा गांधी ने 1977 में चुनाव हारने पर ‘मतदाताओं को ‘मूर्खों का टोला’ तक कहा था। वहीं 1989 में राजीव गांधी ने चुनाव हारने पर इसका ठीकरा बैलेट पेपर पर फोड़ दिया था। अब तक राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस 90 बार चुनाव हारी है और इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं कि बैलेट पेपेर से चुनाव कराओ।”

अनुराग ठाकुर ने कहा“ महाराष्ट्र चुनाव में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि 5 बजे के बाद बहुत वोट बढ़ गए थे। मैं आपको बताना चाहता हूं कि 5 बजे से पहले 58 लाख वोट प्रति घंटा पड़े थे, और 5 बजे के बाद 32.5 लाख वोट प्रति घंटा पड़े थे।” उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ऐसे वोट चोरी का आरोप लगाती है, तो उसका एक ही एजेंडा साफ नजर आता है कि घुसपैठियां वोट बैंक कैसे बचाना है, एक वर्ग के वोट बैंक के लिए कैसे लड़ाई लड़नी है और राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कैसे करना है। उनका मकसद यही है कि किस तरह सच्चे देशवासियों को नीचा दिखाना है।

भाजपा सांसद ने कहा “ मैं ममता बनर्जी से एक सवाल पूछना चाहता हूं। 2005 में लोकसभा में उन्होंने यह दावा करते हुए दस्तावेज फेंके थे कि मतदाता सूची में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के नाम शामिल हैं। अब, जब हम उस गंदगी को साफ करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वह बाधाएं खड़ी कर रही हैं। क्या वह तब झूठ बोल रही थीं या अब झूठ बोल रही हैं?”

अनुराग ठाकुर ने एसआईआर पर कहा कि सरकार की मंशा फर्जी वोटों की सफाई करने के साथ ही देश के सच्चे और पक्के नागरिकों के अधिकार को बचाना है। जिसका विरोध कांग्रेस पार्टी कर रही है। अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब ये हारते हैं तो आरोप चुनाव आयोग और भाजपा पर लगाते हैं।