कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सेना पर बयान देकर फिर विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने बिहार के औरंगाबाद में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश की 10 प्रतिशत आबादी सेना को नियंत्रित करती है. राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेता लंबे समय से जाति जनगणना की बात करते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब राहुल ने इसमें सेना का जिक्र किया.
राहुल के इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर हो गई. पार्टी ने कहा, ‘राहुल गांधी अब सेना में जाति खोज रहे हैं और कह रहे हैं कि 10% लोग इसे नियंत्रित करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी से अपनी नफरत में उन्होंने भारत से नफरत की हदें पार कर दी हैं.’ ये कोई पहली बार नहीं है कि सेना को लेकर राहुल गांधी के बयान पर विवाद हुआ हो.
सेना पर राहुल के बयान पर कब-कब विवाद?
2016 में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सैनिकों के खून के पीछे छिपकर और उनके बलिदान पर ‘दलाली’ करने का आरोप लगाया था. ये मामला कोर्ट भी पहुंचा था. हालांकि राहुल को इसमें राहत मिल गई थी. इसके बाद 2020 में गलवान झड़प के बाद भी राहुल गांधी ने सेना को लेकर एक बयान दिया था.
कांग्रेस सांसद ने कहा था कि चीन ने हमारे क्षेत्र के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया है. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा कि क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सामग्री है? बिना किसी सबूत के आप ये बयान क्यों दे रहे हैं… अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ये सब नहीं कहते.
जहां दिया बयान पर वहां क्या है जातिगत कहानी?
राहुल ने मंगलवार (4 नवंबर) को जो बयान दिया वो औरंगाबाद जिले में दिया. वो औरंगाबाद जहां राजपूतों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसे बिहार का चित्तौड़गढ़ भी कहा जाता है. यहां पर इनकी आबादी 2.5 लाख से ज्यादा है. वहीं यादवों की संख्या 2 लाख है. कुशवाहा जाति भी यहां अच्छी खासी संख्या में रहती है. इनकी आबादी 1.75 लाख है. भूमिहारों की बात करें तो इनकी संख्या 1 लाख है. मुस्लिम की आबादी 1 लाख 25 हजार है. रविदास 1.5 लाख, EBC 4.5 लाख, पासवान 1.25 लाख संख्या में रहते हैं.
बिहार से कितने लोग सेना में?
भारतीय सेना में बिहार के लोगों की संख्या अच्छी खासी है. कुल सैन्य कर्मियों में बिहार का हिस्सा लगभग 11 प्रतिशत है. ये आंकड़े 2011 के हैं. किस राज्य के कितने लोग सशस्त्र बल में हैं, इसकी जानकारी सरकार ने 2022 में संसद में दी थी. सरकार की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक, JCO रैंक के 8152 अधिकारी बिहार के हैं. अन्य रैंक की संख्या 65 हजार से ज्यादा है. ऑफिसर्स की बात करें तो इनकी संख्या 540 है.
