नई दिल्ली । ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग पर डिजिटल पेमेंट के दौरान लगने वाले एक्स्ट्रा चार्ज को लेकर राज्यसभा में उठे सवाल पर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह कोई टैक्स नहीं, बल्कि कंविनियंस फीस यानी सुविधा शुल्क है, जो आईआरसीटीसी के डिजिटल सिस्टम के संचालन और अपग्रेड के लिए लिया जाता है। रेल मंत्री के अनुसार एसी टिकट बुक करने पर 20 और नॉन-एसी टिकट पर 10 का शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क केवल ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से यात्रियों को रेलवे काउंटर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे समय और संसाधनों की बचत होती है। सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा था कि जब सरकार कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा दे रही है, तब डिजिटल पेमेंट पर एक्स्ट्रा चार्ज लेना तर्कसंगत नहीं है। इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलने के बजाय बाधा आ सकती है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि आज 87 फीसदी रिजर्वेशन टिकट ऑनलाइन बुक होते हैं, जो आईआरसीटीसी की डिजिटल सेवा की लोकप्रियता को दर्शाता है। इसके साथ ही रेलवे अपने पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम को अत्याधुनिक बना रहा है। यह सिस्टम अब हर मिनट 1 लाख टिकट बुक करने की क्षमता रखेगा, जो फिलहाल 25,000 टिकट प्रति मिनट है। यह अपग्रेडेशन सेंट्रल फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स के जरिए किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह शुल्क डिजिटल पेमेंट को हतोत्साहित करने के लिए नहीं, बल्कि सिस्टम के रखरखाव की लागत निकालने के लिए है।
रेलवे ने टिकट के डिजिटल पेमेंट पर लगने वाले एक्स्ट्रा चार्ज को बताया सुविधा शुल्क
