पादरी बनकर छिप रहे रेप के आरोपी को 24 साल बाद पकड़ा

चेन्नई। कानून (Law) के हाथ लंबे हैं… ये बात तमिलनाडु के चेन्नई (Chennai) से गिरफ्तार (Arrest) हुए रेप (Rape) के आरोपी के मामले में साबित हो गई। दरअसल, केरल के तिरुवनंतपुरम में 2001 में एक नाबालिग लड़की (Minor Girl) का यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) हुआ था। पुलिस ने चेन्नई में आरोपी को लगभग 24 साल फरार रहने के बाद गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान तिरुवनंतपुरम के नीरामनकारा के रहने वाले मुथुकुमार के रूप में हुई। पुलिस के मुताबिक, नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में वंचियूर पुलिस थाने में केस दर्ज किया था।

आरोप के मुताबिक, ट्यूशन पढ़ाने वाले मुथुकुमार ने पीड़िता को स्कूल के वक्त उससे मिलने के लिए कहा था। स्कूल में लंच के दौरान लड़की उसके ट्यूशन सेंटर गई थी, जहां आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। स्कूल टीचर ने जब नाबालिग लड़की को क्लास में नहीं देखा तो उन्होंने उसके माता-पिता को खबर की, जिन्होंने बाद में उसे मुथुकुमार के घर पर पाया। हालांकि, उस समय मुथुकुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन बाद में उसे बेल मिल गई थी और वह फरार हो गया था।

पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी मुथुकुमार कई राज्यों में छिपा रहा था। सावधानी बरतते हुए उसने कभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। जानकारी के मुताबिक, वह तिरुवनंतपुरम में अपने परिवार को कैश जमा मशीनों के जरिए उनके बैंक खातों में पैसे भेजता था। पुलिस ने हाल ही में लंबित मुकदमों की समीक्षा करते हुए मुथुकुमार का पता लगाने की नए सिरे से कोशिश की।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने आरोपी के रिश्तेदारों और दोस्तों के मोबाइल नंबरों और बैंक खातों पर नजर रखी। उन्होंने करीब 150 फोन नंबरों और 30 बैंक खातों की निगरानी की। इसी दौरान, पुलिस चेन्नई से मिले एक संदिग्ध फोन नंबर से आरोपी तक पहुंच गई। पुलिस ने बताया कि मुथुकुमार ने ईसाई धर्म अपना लिया था। उसने नाम बदलकर सैम कर लिया था और अयनावरम में पादरी के रूप में काम कर रहा था। उसने चेन्नई में 2 बार शादी की। वह पब्लिक टेलीफोन बूथों और अन्य लोगों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करके अपने रिश्तेदारों से संपर्क बनाता था।