रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम में इलाज करने की आड़ में धर्मांतरण के मामले में पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जांच के लिए SIT गठित की है. आरोपी पास्टर गॉडविन को दो दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. पास्टर को पुलिस ने झाबुआ से हिरासत में लिया है.
क्या है पूरा मामला?
रतलाम में 5 सितंबर को औद्योगिक थाना क्षेत्र के शिवशक्तिनगर में बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए. लोगों ने आरोप लगाया कि इन्हें इलाज के बहाने धर्मांतरण के लिए लाया गया था. बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच ने पुलिस से इस बारे में शिकायत की. पुलिसबल मौके पर पहुंचा और 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मुख्य आरोपी विक्रम को अगले दिन गिरफ्तार किया गया. सभी आरोपियों के खिलाफ धर्मांतरण का केस दर्ज कर लिया गया है.
60 हजार की सैलरी मिलती थी
गॉडविन, झाबुआ जिले के मोहनपुरा में एक चर्च में पास्टर था. ये ‘चर्च ऑफ साउथ इंडिया’ संस्था से जुड़ा है. यह संस्था केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की है. पास्टर गॉडविन को चर्च की देखरेख, धर्म के प्रचार और प्रसार एवं प्रार्थना करवाता था. पुलिस पूछताछ में पास्टर ने बताया कि उसे हर महीने 60 हजार रुपये की सैलरी मिलती थी.गॉडविन इसमें से 4 से 5 हजार रुपये मुख्य आरोपी विक्रम के खाते में ट्रांसफर करता था.पास्टर यह रुपये विक्रम को मदद के लिए भेजता था.
जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT गठित
पुलिस ने धर्मांतरण केस की जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT गठित की है. इस जांच दल की अध्यक्षता CSP सत्येंद्र घनघोरिया करेंगे. इस केस के तार केरल से जुड़े होने के इनपुट मिले हैं. SIT केस की जांच के लिए केरल भी जा सकती है और साक्ष्य इकट्ठा कर सकती है.
