व्यापार : एआई और मशीन लर्निंग से जुड़ी नौकरियों में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है।
जीसीसी में हुई नौ प्रतिशत की वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) में भी नियुक्ति में 9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है। यह वैश्विक सेवा वितरण में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। इसमें आगे बताया गया कि जून 2025 मे फ्रेशर हायरिंग में 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यह नए प्रवेशकों के लिए बेहतर रोजगार अवसरों की ओर इशारा करती है।
व्हाइट कॉलर नियुक्तियों में आया मजबूत उछाल
समग्र श्रम बाजार स्थिर रहा और व्हाइट कॉलर नियुक्तियों में मजबूत उछाल आया। इसे वार्षिक आधार पर दोहरे अंकों की वृद्धि का समर्थन प्राप्त हुआ। वहीं औपचारिक रोजगार सृजन में तेजी जारी रही। विभाग ने नौकरी जॉबस्पीक जून 2025 रिपोर्ट का भी हवाला दिया। इसमें भारत के व्हाइट कॉलर जॉब बाजार में पुनरुद्धार की पुष्टि की गई है। जून 2025 में नियुक्ति सूचकांक बढ़कर 2,854 हो गया। इससे विभिन्न क्षेत्रों, शहरों और अनुभव स्तरों में नियुक्ति गतिविधि में 10.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
ईपीएफओ ने मई 2025 में 20 लाख नए सदस्य जोड़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मई 2025 के दौरान शुद्ध सदस्य जोड़ने में सर्वकालिक उच्च रिकॉर्ड दर्ज किया। ईपीएफओ ने मई में 20.06 लाख सदस्य जोड़े। यह अप्रैल 2018 में पेरोल डेटा पर नजर रखने के बाद से उच्चतम मासिक आंकड़ा है।
बीमा क्षेत्र में हुई सबसे अधिक वृद्धि
भार्ती में बढ़तरी का नेतृत्व बीमा क्षेत्र ने किया। इसमें सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके बाद आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र में 21 प्रतिशत, बीपीओ और आईटीईएस में 19 प्रतिशत, रियल एस्टेट में 16 प्रतिशत, तेल एवं गैस/बिजली में 15 प्रतिशत, स्वास्थ्य सेवा में 11 प्रतिशत और शिक्षा व एफएमसीजी में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों ने भी रोजगार सृजन में योगदान जारी रखा। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) का रोजगार उप-सूचकांक लगातार 16वें महीने विस्तार क्षेत्र में रहा। वहीं विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि हुई, सेवा क्षेत्र में मई 2025 में प्राप्त रिकॉर्ड स्तर से थोड़ी राहत देखी गई।
ईपीएफओ में 59.5 प्रतिशत 25 साल से कम आयु के नए सदस्य जुड़े
मई 2025 के लिए ईपीएफओ के नए ग्राहक आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि 59.5 प्रतिशत नए सदस्य 18-25 आयु वर्ग के थे। वहीं 22.8 प्रतिशत 26-35 आयु वर्ग के थे, और 16.6 प्रतिशत 35 से अधिक आयु के थे। इससे पता चलता है कि संगठित कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा युवा वयस्कों से बना है, जो मुख्य रूप से पहली बार नौकरी की तलाश कर रहे हैं।