रायपुर में चावल घोटाले का भंडाफोड़, विभाग ने 61 दुकानों पर उठाए सवाल

रायपुर: जिले में राशन दुकानों से चावल के बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि 60 से अधिक दुकानों में पहले से सैकड़ों क्विंटल चावल स्टाक होने के बावजूद हर माह गोदामों से नई खेप भेजी जा रही थी। सत्यापन में पाया गया कि मात्र 100 वर्गफुट के गोदामों में क्षमता से कहीं अधिक चावल स्टाक दिखाया गया है। जांच के बाद इन दुकानों का चावल स्टॉक रोक दिया गया है।

प्रारंभिक अनुमान के अनुसार करीब तीन करोड़ रुपए मूल्य का चावल राशनदुकानों से गायब है। स्टॉक रोकने के बाद अब ये दुकानें कार्डधारियों को चावल वितरण नहीं कर रही हैं। प्रशासन ने संबंधित दुकान संचालकों से जवाब तलब करते हुए पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। बता दें कि नईदुनिया के पास सभी 61 दुकानों की सूची है।

ऑनलाइन दिख रहा था स्टॉक, फिरभी भेजा गया
61 राशन दुकानों में चावल का पहले से स्टॉक होने के कारण चावल भेजने पर रोक लगाई गई है। स्टॉक की गड़बड़ी का सिलसिला एक माह से नहीं यह बीते छह माह से चल रहा है। जिन दुकानों में पहले से चावल ऑनलाइन स्टॉक में दिखाई दे रहा था फिर भी नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा मांग पत्र लेकर भेजा जा रहा था।

सौ से चार सौ क्विंटल तक चावल गायब
अक्टूबर माह में जारी की गई सूची के मुताबिक 61 राशन दुकानों में करीब 8 हजार क्विंटल चावल कम था। कुछ दुकानों में 100 क्विंटल तो कुछ में 400 क्विंटल तक चावल कम पाया गया था। जिसके बाद राशन दुकानों को तब तक चावल देने से रोक लगाई गई जब तक पूराना स्टाक शून्य न हो जाए। अब बड़ी गड़बड़ी यह है कि राशन दुकानों में हकीकत है ही नहीं।

12 दुकान संचालकों ने भरा चावल
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भेजी गई सूची के बाद नान के गोदामों से चावल भेजने में रोक लगा दी गई। इसके बाद अब तक 12 राशन दुकान संचालकों ने बाजार से खरीद कर चावल का स्टाक रख दिया है। बतादें कि खाद्य विभाग के निरीक्षकों का काम है कि आनलाइन और मूल स्टाक का मिलान कर सत्यापन रिपोर्ट बनाना है। निरीक्षकों द्वारा इस कार्य में लापरवाही की जा रही है जिससे स्टाक की गड़बड़ी सामने आई है।