मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप की अलास्का में होने वाली मीटिंग के पहले मॉस्को ने बड़ा फैसला लिया है। रूसी अधिकारियों ने मैसेजिंग ऐप जैसे टेलीग्राम और वाट्सअप कॉल को आंशिक रूप से प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। इन सोशल मीडिया एप पर रूस का आरोप है कि इनके जरिए धोखाधड़ी और आतंकवाद जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं, इनसे जब एजेंसियां जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहती हैं तो यह यूजर डाटा बोलकर इससे इनकार कर देते हैं।
बता दें कि रूस पिछले कई वर्षों से सामग्री और डेटा स्टोर को लेकर विदेशी तकनीकी प्लेटफार्मस के साथ टकराव में रहा है। यह विवाद 2022 में यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बाद और गहरा गया। आलोचकों का कहना है कि रूस देश के इंटरनेट क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं राष्ट्रपति पुतिन ने सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर सरकार समर्थित एक एप्प के निर्माण को मंजूरी दे दी है। क्योंकि विदेशी और निजी स्वामित्व वाली कंपनियों की जगह पर सरकारी प्लेटफार्म को बनाकर अपनी संप्रभुता स्थापित करना चाहता है। रोसकोम्नाडजोर के हवाले से कहा, अपराधियों से निपटने के लिए… इन विदेशी मैसेंजर पर कॉल को आंशिक रूप से प्रतिबंधित करने के उपाय किए जा रहे हैं। उनकी कार्यक्षमता पर कोई अन्य प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इन पर से आंशिक प्रतिबंध तभी हटेंगे, जब वह रूसी नियमों का पालन करेंगे। रूस द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों का अभी तक मेटा प्लेटफार्म ने कहा कि वाट्सएप पूरी तरह से एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड है। हम यूजर की प्राइवेसी का सम्मान करते हैं। मेटा ने कहा कि वह रूस समेत दुनिया के सभी लोगों को सुरक्षित कॉल्स की सेवा देने का प्रयास करता रहेगा। हर दिन लाखों दुर्भावनापूर्ण संदेशों को हटाने के लिए प्लेटफॉर्म के सार्वजनिक हिस्सों की निगरानी के लिए एआई टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं।
आतंकवाद के चलते रूस ने वॉट्सएप कॉल पर लगा दी पाबंदी
