महंगे होटलों में ‘प्रॉफिट स्कीम’ का लालच, आरवी ग्रुप ने 130 शिक्षकों से ₹42 करोड़ ठग कर मचाई सनसनी

आरवी ग्रुप नामक कंपनी द्वारा सरगुजा के 130 शिक्षक व सरकारी कर्मचारियों को लोन दिलाकर उनसे 42 करोड़ रुपए की ठगी (42 crore fraud) करने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत ठगी के शिकार लोगों ने सरगुजा एसपी व गांधीनगर थाने में की है। रिपोर्ट पर गांधीनगर पुलिस ने 2 दिन पूर्व आरवी ग्रुप के फाउंडर समेत 6 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

दरअसल अंबिकापुर के गांधीनगर निवासी शिक्षिका पवित्रा लकड़ा ने 1 अप्रैल 2025 को सरगुजा एसपी से लाखों रुपए की ठगी की शिकायत की थी। उसने बताया था कि आरवी ग्रुप स्पॉश एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड (42 crore fraud) द्वारा बैंकों से साठगांठ कर वर्ष 2022-23 में उसके नाम से मल्टीपल लोन स्वीकृत कराकर करोड़ों की ठगी की गई है।

अब लोन की रकम पटाने उसके पास बैंकों से नोटिस आ रहे हैं। अब तक करीब 130 शिक्षक से लेकर सरकारी कर्मचारियों ने मामले (42 crore fraud) की लिखित शिकायत की है।

शहर में खोला था ऑफिस

ठगी (42 crore fraud) के शिकार लोगों का कहना है कि नवंबर 2022 में शहर के तुलसी चौक गंगापुर में आरवी गु्रप ने स्पॉश एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ऑफिस खोला था। कंपनी ने उनसे कहा था कि फाइनेंस कंपनी और बैंकों में लगातार काम करने से हमारी हैसियत बढ़ गई है। इसे देखकर ही हमें लोन दिया जाता है।

यह भी कहा कि कंपनी गारंटर रहेगी तथा लगातार ईएमआई का भुगतान करेगी। इसके बाद लोन के लिए दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराए और बाद में उनके नाम से लाखों के लोन स्वीकृत हो गए। लोगों को बैंक भी नहीं जाना पड़ा।

महंगे होटलों में दी पार्टी, बताई लुभावनी स्कीम

आरवी ग्रुप द्वारा कर्मचारियों को टारगेट कर ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। इसके लिए शहर के नामी होटलों में उन्हें बुलाकर भव्य पार्टी दी गई। फिर कान्फें्रस के नाम पर उन्हें लुभावनी स्कीम बताई गई। कंपनी के लोगों ने बताया कि लोन में से 50 प्रतिशत राशि वे कंपनी में इन्वेस्ट करेंगे, तथा पूरी राशि (42 crore fraud) वे पटाएंगे।

इससे उन्हें लाखों का फायदा होगा। इसके बाद कर्मचारियों को दफ्तर में बुलाकर फॉर्म भरवाया और हस्ताक्षर लिए। फिर उनके नाम से अलग-अलग बैंकों से लाखों रुपए के पर्सनल लोन फाइनेंस करा लिए।

निजी खाते में जमा कराए रुपए

कंपनी द्वारा लोन (42 crore fraud) पास कराने के बाद 50 प्रतिशत राशि कंपनी में इन्वेस्ट कराने के नाम पर एएमएस सॉल्यूशन, सुरेंद्र सिंह व मनोज प्रधान के निजी खाते में जमा कराए गए। वहीं कर्मचारियों के बिना बैंक गए उनका जीवन बीमा व दुर्घटना बीमा भी हो गया।

कर्मचारियों का कहना है कि बैंक के दस्तावेजों में उनके नकली हस्ताक्षर भी किए गए। भरोसे की खातिर उन्हें एक चेक दिया गया, जिसपर हस्ताक्षर भी नकली थे। जब उनके पास अलग-अलग बैंकों से नोटिस आने लगे तो ठगी का खुलासा हुआ।

 इन लोगों से हुई ठगी

ठगी के शिकार (42 crore fraud) लोगों में शिक्षिका पवित्रा लकड़ा के अलावा प्रीति सिदार, गुड्डा राम बरवा, देवेंद्र पैंकरा, भइयो एक्क, अनूप कुमार सिंह, पूरन लाल, रामप्रताप साहू, नीलम सिंह पैंकरा, जगधारी, कृष्णा राजवाड़े, विनीत सिंह, हरीश कुमार प्रजापति, अन्ना खाखा, ज्योति कुजूर, रीना रोज तिग्गा, सुचित्रा कुजूर, अनिता तिग्गा, अनिमा तिग्गा समेत 130 लोग शामिल हैं। इनमें से अधिकांश शासकीय कर्मचारी हैं।

इन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज

ठगी के शिकार लोगों की शिकायत (42 crore fraud) पर गांधीनगर पुलिस ने 2 दिन पूर्व आरवी ग्रुप कंपनी के फाउंडर मनोज कुमार प्रधान, मनोज कुमार भगत, सुरेंद्र सिंह करियाम, अभय गुप्ता, विष्णु प्रजापति व सुदेश एक्का के खिलाफ धारा 420, 120बी के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।

बढ़ सकती है ठगी की रकम

इस मामले में एएसपी अमोलक सिंह ढिल्लो का कहना है कि अब तक 130 लोग 42 करोड़ रुपए की ठगी (42 crore fraud) की बात सामने आ चुकी है। ठगी के शिकार और लोग सामने आ सकते हैं, इससे रकम बढ़ सकती है। 6 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले की जांच चल रही है।