एमपी के टीचर्स की रुक जाएगी सैलरी! बच्चों संग करेंगे यह काम तभी लगेगी अटेंडेंस

भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों से अब गुरुजी गायब नहीं रह पाएंगे. उनको कक्षाओं में पढ़ाना ही होगा, तभी उनकी हाजिरी लगेगी. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नया पोर्टल तैयार कराया है. दरअसल सरकारी स्कूलों में टीचर की मनमानी की खबरें सामने आती रहती हैं. कभी क्लास में आराम फरमाना तो कभी घंटों गायब रहना. लेकिन शिक्षा विभाग ने इसका तोड़ निकाल लिया है. नवीन पोर्टल पर शिक्षक विद्यालयों में पहुंचकर एक घंटे के अंतराल में ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करेंगे. हाजिरी का यह नियम 1 जुलाई 2025 से लागू कर दिया जाएगा.

तो लग जाएगा हाफ डे

जब छुट्टी होगी तब आधा घंटा पूर्व या बाद में ई-उपस्थिति लगेगी. निर्धारित समय सीमा के पश्चात उपस्थिति दर्ज करने पर आधे दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा. पोर्टल 3.0 पर 'हमारे शिक्षक ई गवर्नेस प्लेटफार्म' के अंतर्गत 23 से 30 जून की समयावधि में इस प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा.

जहां इंटरनेट समस्या, वहां नई व्यवस्था का ट्रायल

स्कूल शिक्षा विभाग इस नई व्यवस्था का ट्रायल उन क्षेत्रों में शुरू कर रहा है, जहां इंटरनेट की समस्याएं बताई जा रही थी. यहां पर प्रयोग के तौर पर ऑनलाइन अटेंडेंस का काम प्रारंभ किया गया है. यहां पर यह देखा जा रहा है कि इंटरनेट कितना सहयोग कर रहा है. क्या तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं. इन समस्याओं को सुधारने के लिए डिपार्टमेंट टेक्नीकल एक्सपर्ट की मदद ले रहा है.

1 जुलाई से ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम लागू

लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने बताया कि, ''1 जुलाई से टीचर्स की अटेंडेंस ऑनलाइन तरीके से दर्ज होगी. इस नवीन व्यवस्था में सेवकों के स्वत्वों संबंधित आवेदन प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत करने की सुविधा होगी. अवकाश स्वीकृति, लेखों का संधारण, क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान का लाभ, वेतन वृद्धि लाभ, परिवीक्षा अवधि एवं शिक्षकों की प्रशिक्षण उपस्थिति और पेंशन स्वत्व भुगतान संबंधी पूरा रिकार्ड इसी में रहेगा.''

टीचर्स को आना ही होगा स्कूल

बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 2017, 2020 और 2022 में ऑनलाइन हाजिरी शिक्षा मित्र एप के जरिए शुरू की थी. लेकिन उस वक्त टीचर्स ने इसको लेकर ऐतराज जताया था. कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क के बहाने के चलते यह प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो पाई थी. लेकिन अब ई अटेंडेंस सिस्टम के चलते उन टीचर्स पर नजर रखी जाएगी जो स्कूल नहीं आते या खुद की जगह किसी और को भेज देते हैं. खास बात है कि टीचर्स की उपस्थिति की निगरानी जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे.