भोपाल : विदिशा जिले की तहसील पठारी क्षेत्र में अद्भुत पत्थर से बेशकीमती मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। श्रद्धा, आस्था और भक्ति की केंद्र बन रही मूर्तियां भक्तों और कला प्रेमियों की पहली पसंद बन गई है। यहां की मूर्तियां देशभर में वास्तु और मूर्ति कला संरक्षण और उत्थान का काम कर रही हैं। जिले की तहसील पठारी के ग्राम सैदपुर में पत्थर मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। यह मूर्तियां ग्राम सैदपुर के लाल, पीले और भूरे रंग के अद्भुत पत्थर से बनाई जा रही हैं।
मूर्ति निर्माण की शुरुआत
पत्थर खदान मालिक डिंपल सिंघई ने बताया कि पठारी क्षेत्र से पूरे देश में जैन मंदिरों के फाउंडेशन बनाने वाले पत्थर ब्लॉक भेजे जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय लेबोरेटरी में सैदपुर खदान का पत्थर का गुणवत्ता के कारण चयन किया गया। आर्किटेक्चर प्रियंक जैन, मुख्य कलाकार रंजीत बेहरा और उत्तम मलिक ने बताया कि मूर्ति निर्माण के लिए विशेष मुहूर्त में पत्थर को वैदिक विधि से आमंत्रित किया जाता है। पत्थर को मूर्ति का रूप देने के लिए ड्राइंग करके तराशा जाता है। इसके बाद फिर ड्राइंग करके नक्काशी की जाती है। मूर्ति पर डिजाइन बनाकर सफाई, घिंसाई और पॉलिश कर चिन्ह अंकित कर अंतिम रूप दिया जाता है।
मुख्य रूप से नागर शैली स्थापत्य कला के लिए बनाई जा रही मूर्तियों में मथुरा शैली और गंधार शैली का अनूठा संगम नजर आता है। एक फुट से लेकर 13 फुट तक की भीमकाय मूर्तियों का निर्माण उड़ीसा, कोलकाता, चेन्नई, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुशल कलाकारों के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें जैन मूर्तियों में ध्यान मग्न अवस्था, विशाल बंद नेत्र, घुंघराले केश, सुडोल कंधे, गोद में दोनों हाथ रखे हुए तीर्थंकरों के हृदय पर वत्स चिन्ह प्रतिमाओं की शोभा बढ़ाते है। किसी-किसी प्रतिमा में हाथ की उंगलियां मुड़ी हुई नजर आती हैं। वहीं पैर के अंगूठे भी मुड़े हुए नजर आते हैं। जो अद्भुत कला को प्रदर्शित करते हैं।
डिंपल सिंघई और मुख्य कलाकार रंजीत बेहरा, उत्तम मलिक ने बताया कि हिंदू धर्म के वैष्णव, शैव, शाक्त और स्मार्त संप्रदाय की मूर्तियां बनाई जाती है। वही भगवान बुद्ध की मूर्तियां भी बनाई जाती हैं। जिसमें अद्भुत नक्काशी और कला का प्रदर्शन किया जा रहा है।
सुकृति कला केंद्र सैदपुर के द्वारा बनाई जा रही मूर्तियों से क्षेत्र में नए रोजगार की आशा नजर आ रही है। अद्भुत मूर्तियों के निर्माण से पूरे देश में पठारी क्षेत्र को नई पहचान मिली है। मूर्ति कला के बढ़ते काम से नए-नए हस्तशिल्प कलाकारों को खुला मंच मिलेगा। पठारी क्षेत्र देश की प्रसिद्ध पत्थर मंडी है। जिसका पत्थर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। वर्तमान में स्टोन आर्ट का अच्छा क्रेज चल रहा है।
प्राचीन काल में पठारी, बड़ोह, उदयपुर, ऐरन क्षेत्र स्थापत्य, वास्तु और मूर्ति कला का मुख्य केंद्र रहा है। इस क्षेत्र में अनेक स्थापत्य और मूर्ति कला के अद्भुत पुरा स्मारक मौजूद है। प्राचीन काल से ही पठारी क्षेत्र का पत्थर मूर्ति निर्माण के लिए प्रयुक्त माना जाता रहा है। कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने पिछले दिनों पठारी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान उन्होंने सुकृति कला केंद्र सैदपुर पहुंच कर अद्भुत मूर्तियों की सराहना की थी। कलेक्टर गुप्ता ने पठारी के भ्रमण दौरान इन मूर्तियों को बनाने वाले कलाकारों के हुनर को देखा और उनसे बातचीत की थी।