मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्‍व में आत्‍मनिर्भर व विकसित भारत : सुरेश पचौरी

यशस्‍वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का 17 सितम्‍बर को 75 वां जन्‍मदिवस है। गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे से गांव बड़नगर से शुरू हुई उनकी जीवन यात्रा में आए तमाम उतार-चढ़ाव के बीच अपनी लगन, निष्‍ठा, परिश्रम, त्‍याग, दृढ़ इच्‍छाशक्ति और राष्‍ट्रप्रेम के चलते वे भारतीय राजनीति के शलाका पुरूष बन चुके हैं। वे आज सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री के रूप में ही नहीं जाने-पहचाने जाते, वरन आज वे विश्‍व के अग्रणी शीर्ष नेताओं में शुमार हो चुके हैं। श्री नरेन्‍द्र मोदी का जीवन संघर्ष की गाथा से भरा हुआ है, वस्‍तुत: वे संघर्षो की उपज हैं। वे ऐसे तपे-तपाए जननेता हैं, जिनमें कुंदन की कठोरता भी है और चंदन की शीतलता भी विद्यमान है। उनके चिंतन में राष्‍ट्र, राष्‍ट्रबोघ एवं राष्‍ट्रहित सर्वोपरि है और इसी उदात्‍त भावना से ओतप्रोत होकर उन्‍होंने किशोरावस्‍था में अपना घर-द्वार छोड़कर जनसेवा की ओर जो कदम बढ़ाए, वे आज तक नहीं रूके।प्रधानमंत्री के रूप में विगत 11 वर्षों के दौरान मोदी जी ने भारत को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए उन कार्ययोजनाओं को अमली जामा पहनाया, जिसका भाजपा चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया गया था। चाहे वह सामाजिक-आर्थिक बदलाव हों, चाहे प्राकृतिक संसाधनों, खनिजों, सांस्कृतिक धरोहरों आदि का संरक्षण हो या फिर देश के किसानों के कल्याण के लिए कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था हो, सब पर विशेष ध्यान दिया गया। महिला सशक्तिकरण की दिशा में मोदी सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे करोड़ों महिलाओं को लाभ मिल रहा है। मोदी जी के मार्गदर्शन में युवाओं में नवाचार और आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ाने के लिए स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और डिजिटल स्किल इंडिया जैसी योजनाओं का सूत्रपात हुआ है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्‍या समृद्धि योजना और महिला स्‍व सहायता समूहों को सशक्‍त कर उन्‍होंने सकारात्‍मक परिवर्तन की दिशा में परिणाममूलक कदम उठाए। श्री नरेन्द्र मोदी के ग्यारह वर्षों के प्रधानमंत्री के कार्यकाल पर नजर दौड़ाएं तो बहुत स्पष्ट दिखता है कि इस दौरान देश ने प्रगति की दिशा में तेज रफ्तार पकड़ी, आम आदमी के जीवन में खुशहाली आई, समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के जीवन में सुधार आया, देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई, दुनिया में भारत के मान-सम्मान में वृद्धि हुई, पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान को ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान मुंह की खानी पड़ी और सबसे बड़ी बात तो यह कि अमेरिका जैसा संप्रभुता संपन्न राष्ट्र मोदी जी के कसीदे पढ़ने लगा। श्री मोदी देश हित में इतने दृढ़ प्रतिज्ञ हैं कि दुनिया की कोई ताकत आज तक उन्हें सिद्धांतों से न तो डिगा सकी है और न ही झुका सकी है। उनका यह आत्मबल न सिर्फ करोड़ों भारतवासियों बल्कि विश्‍व के दीगर मुल्कों में रहने वाले भारतवासियों को संबल प्रदान करता है। ‘यह नया भारत है, दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारता है’, ऐसे सिंहनाद से देश का आम जनमानस खुद को सुरक्षित तो महसूस करता ही है, साथ ही नये भारत की उपलब्धियों पर उसे गर्व भी होता है।निःसंदेह, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। देश में चहुंमुखी प्रगति हो रही है। हमारी जीडीपी की दर भी संतोषजनक है। रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। देश विरोधियों और भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति परिणाममूलक है। देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ की काट के लिए मोदी जी द्वारा स्वदेशी अपनाने का जो आहवान किया गया, लोगों का इस दिशा में झुकाव बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सरकार की योजनाओं के केन्द्र बिन्दु में हमेशा ‘आम आदमी’ को रखा। इस सोच के साथ गरीब कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। मसलन, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के करोड़ों परिवारों को पक्के घर दिए गये। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लाखों शौचालयों का खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कराया गया। उज्जवला योजना के माध्यम से गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान कर उनके स्‍वास्‍थ्‍य और गरिमा की रक्षा की। बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा के मद्देनजर आयुष्‍मान भारत योजना शुरू की गई, जिससे 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्‍य बीमा का सुरक्षा कवच मिला। जल जीवन मिशन से हर घर को नल से जल उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है। आधारभूत संरचना की बात की जाये तो प्रधानमंत्री ने इसे राष्ट्र की रीढ़ मानते हुए इसमें भारी निवेश किया। सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और डिजिटलीकरण में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिल रही है। ग्रामीण भारत में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में मेट्रो और स्मार्ट सिटी जैसी योजनाएं मूर्तरूप ले रही हैं। मोदी जी की दृष्टि में देश का अन्नदाता किसान सदैव प्राथमिकता में रहा है। उन्होंने किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए अनेक योजनाओं का प्रावधान किया। उनकी सोच बहुत स्पष्ट है कि कृषि आजीविका का साधन मात्र न रहे, बल्कि यह लाभ का व्यवसाय बने। फिलहाल किसानों के सम्मान स्वरूप उन्हें दी जाने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से सालाना 6 हजार रूपये की सीधी सहायता दी जा रही है। ई-नाम पोर्टल द्वारा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा गया है, जिससे लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड, परम्परागत कृषि विकास योजनाओं जैसी जनहितैषी पहल से उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में रेल नेटवर्क का व्यापक विस्तार हो रहा है। जम्मू-कश्मीर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में अभूतपूर्व रेल क्रांति दिखाई दे रही है। ये राज्य पर्यटन के नक्‍शे में प्रमुखता से दर्ज होने लगे हैं, मिजोरम जैस दुर्गम एवं पहाड़ी राज्‍य में बैराबी–सैरांग रेल परियोजना मिजोरम को पहली बार रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली ऐतिहासिक उपलब्धि है। 
मोदी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऑपरेशन सिन्दूर के बाद तो भारत रक्षा मामलों में विश्व का सिरमौर बन गया है। भारत आज रूस,अमेरिका, फ्रांस सहित 100 से अधिक देशों को सैन्य हथियार और रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से वित्तीय वर्ष 2023-2024 के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2004 से 2014 तक जो एक्सपोर्ट मात्र 4,312 करोड़ का हुआ करता था, वह 2014-2024 में बढ़कर 88,319 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, पिछले दस साल में यह रफ्तार इतनी तेजी से बढी कि अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की सैन्य शक्ति को सदैव न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि रक्षा निर्यात को बढ़ाने पर बल दिया। आज भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 12.04 प्रतिशत बढ़ा है। साल 2023-2024 में डिफेंस एक्सपोर्ट 21,083 करोड़ रुपये था, इसमें 2539 करोड़ का इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने विगत 11 वर्षों के दौरान भारत को गौरवशाली भारत बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। उन्‍होंने 12 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया, जो एक मजबूत, स्थिर और दूरदर्शी नेतृत्‍व का प्रतीक है। उनकी सरकार 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी रेखा से बाहर लाई। यह 'नये भारत' की वास्‍तविक तस्‍वीर है। रक्षा उत्‍पादन में 175 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। रक्षा निर्यात में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, स्‍वदेशी के प्रति मोदी जी की पक्षधरता जगजाहिर है, फलतः देश की 65 प्रतिशत रक्षा आवश्यकताएं अब भारत में पूरी हो रही हैं। एक साधारण परिवार में जन्में तथा गांव के परिवेश में पले-बड़े नरेन्‍द्र मोदी का जीवन प्रेरणास्पद है। उनकी सोच में एक ऐसा भारत बसता है, जिसकी पहचान वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के रूप में बनें। उन्होंने हमेशा कहा – 'सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' इसी मूल मंत्र के साथ उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने हर वर्ग को साथ लेकर चलने की नीति अपनाई, जिसका सुखद परिणाम देखने को मिल रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के कर्णधार नरेन्द्र मोदी सर्वाधिक अवधि तक प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। उन्‍हें सर्वाधिक कार्यकाल तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री होने का सौभाग्‍य प्राप्‍त है। उनकी राजनैतिक यात्रा पर विहंगम दृष्टि डालें तो वे एक अविश्रांत, अविचल, ध्‍येयनिष्‍ठ व कर्मयोगी पथिक के रूप में नजर आते हैं, जिनका लक्ष्‍य है समाज की अंतिम पंक्ति में बैठे व्‍यक्ति के आंसू पोंछना और मोदी जी 'कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते मा फलेषु कदाचन्' की भावना के साथ अपने ध्‍येय के प्रति समर्पित हैं। आज संपूर्ण विश्‍व में मोदी जी की ख्‍याति गूंज रही है। वे जिस भी देश के दौरे पर जाते हैं, उस देश के सर्वोच्‍च सम्‍मान से नवाजे जाते हैं। वैश्विक प्रभावी नेता की छव‍ि बना चुके श्री नरेन्‍द्र मोदी की लोकप्रियता तथा प्रभुत्‍व का यह आलम है कि दुनिया के 27 देश उन्‍हें अपने देश के प्रतिष्‍ठापूर्ण शिखर सम्‍मान से सम्‍मानित कर चुके हैं। उनके पास जनविश्वास की सबसे बड़ी पूंजी है और यही वजह है कि भारत की जनता ने उनके ऊपर भरोसा जताते हुए तीसरी बार उन्‍हें प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता के सबसे उच्च आसन पर आरूढ़ किया। मोदी जी को उनके 75वें जन्‍मदिवस के शुभ प्रसंग पर कोटिश: बधाई, अनंत आत्‍मीय मंगलकामनाएं एवं हार्दिक अभिनंदन।

 (लेखक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री हैं)