चौंकाने वाला कदम: कारोबारी चिंटू शुक्ला ने आत्महत्या से पहले कोर्ट से शमीमा बानो की रिहाई की अपील की, नदी में कूदकर दी जान

रायबरेली: कोर्ट-कचहरी का चक्‍कर कितना खतरनाक हो सकता है, ये यूपी के रायबरेली में देखने को मिला। 18 साल से चल रहे मुकदमे से परेशान होकर कॉस्‍मेटिक कारोबारी ने बुधवार रात सई नदी में कूदकर अपनी जान दे दी। घरवालों को पता चला तो वे भागकर वहां पहुंचे। पुलिस और बचाव दल ने काफी प्रयास किया। गुरुवार सुबह उनका शव बरामद हुआ। नदी किनारे दो सुसाइड नोट मिले हैं। पहले सुसाइड नोट में 58 साल के कारोबारी राजेंद्र उर्फ चिंटू शुक्‍ला ने लिखा है कि वह मुकदमा लड़ते लड़ते हार गए हैं। अब उनके पास दूसरा कोई रास्‍ता नहीं बचा है। घर के सभी बड़े बुजुर्गों को मेरा सादर प्रणाम। हो सके तो मुझे माफ कर देना।

'एससी-एसटी केस में मैं मुख्‍य अभियुक्‍त हूं'
दूसरा सुसाइड नोट एससी-एसटी कोर्ट को लिखा गया है। इसमें उन्‍होंने लिखा है कि जज साहब, चिंटू शुक्‍ला का मुकदमा आपके यहां चल रहा है। इसमें शमीमा बानो को भी मुजरिम बनाया गया है। इस केस में मुख्‍य अभियुक्‍त मैं हूं। मैं तो दुनिया छोड़कर जा रहा हूं पर शमीमा बानो को बाइज्‍जत बरी करने की कृपा करें।

चिंटू शुक्‍ला ने शादी नहीं की थी
पुलिस ने बताया कि चिंटू शुक्‍ला के भाई मंटू शुक्‍ला ने शिकायत दर्ज कराई है। मंटू शुक्‍ला कलेक्‍ट्रेट के रिटायर कर्मचारी हैं। उन्‍होंने बताया कि चिंटू शुक्‍ला उनके छोटे भाई हैं। उन्‍होंने विवाह नहीं किया था। बुधवार देर रात जब उनको पता चला तो वे भागकर सई नदी किनारे पहुंचे।