Sawan 2025 Shivling Rituals: सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है और पहले ही दिन शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. सावन में शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा अर्पित कर भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते हैं. शास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि शिवलिंग पर अर्पण किए जाने वाले सभी पदार्थ शुद्ध और सात्विक होने चाहिए. कई लोग बाजारों में रहते हैं और उनके पास सिर्फ पैकेट वाला दूध होता है. ऐसे में वे शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध ही अर्पित कर देते हैं. क्या शिवलिंग पर पैकेज्ड दूध चढ़ाना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है. यह शुद्धता केवल भौतिक ही नहीं, बल्कि सात्विक गुणों से भी जुड़ी होती है. पैकेट वाला दूध कई बार केमिकल प्रोसेस, स्टोरेज और प्रिजर्वेटिव्स से होकर गुजरता है. ऐसे में वह पूरी तरह सात्विक और प्राकृतिक नहीं माना जा सकता है. इससे पूजा में उस दूध की उपयुक्तता पर सवाल उठते हैं. सावन में शिवलिंग पर गाय का ताजा, कच्चा और शुद्ध दूध ही चढ़ाना सबसे उत्तम माना गया है. पैकेट वाला दूध शिवलिंग पर अर्पण करना सही नहीं माना गया है. अगर आपके घर में गाय का दूध उपलब्ध है, तो उसी दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें.
अगर किसी कारणवश शुद्ध देसी गाय का दूध उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और केवल पैकेट वाला दूध ही विकल्प है, तो उसमें भी सावधानी बरतनी चाहिए. सबसे पहले दूध को उबाल लें और ठंडा होने पर उसे भगवान शिव को अर्पित करें. कोशिश करें कि वह दूध किसी तरह से बासी, खट्टा या मिलावटी न हो. धार्मिक क्रियाओं में भावनाएं तो महत्त्वपूर्ण होती ही हैं, लेकिन विवेक और शास्त्र सम्मत आचरण भी आवश्यक है. शिवलिंग पर अर्पण किए जाने वाले पदार्थों की शुद्धता ही पूजा की फलदायकता का आधार होती है. सावधानी बरतने से पूजा भी फलदायी होगी और धार्मिक परंपराओं का सम्मान भी बना रहेगा.