बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा है कि 90 दिनों के अंदर राज्य में फिर से जातिगत गणना कराने के लिए समयसीमा तय की जाएगी। उन्होंने एक पारदर्शी प्रक्रिया का वादा किया जो समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ उच्चस्तरीय बैठक के बाद पार्टी द्वारा जातिगत आंकड़ों को फिर से एकत्र करने के फैसले की घोषणा के बाद शिवकुमार ने यह बात कही। विचार-विमर्श के दौरान मौजूद नेताओं में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी शामिल थे।
सीएम सिद्धरमैया ने कहा कि कई मंत्रियों और समुदायों ने आशंकाएं व्यक्त की हैं और इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी नेतृत्व ने राज्य में फिर से जातिगत गणना कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम इस पर सहमत हैं। पार्टी ने सर्वेक्षण पूरा करने और 90 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने का फैसला किया है। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने इस बात पर जोर दिया कि जनगणना सभी समुदायों को विश्वास में लेते हुए पारदर्शी तरीके से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल सर्वेक्षण की तारीख और समयसीमा तय करेगा, जो एक लंबी और बड़ी प्रक्रिया है। सीएम तारीख की घोषणा करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि नई जनगणना में हर समुदाय की चिंताओं का समाधान किया जाएगा और किसी को भी इससे बाहर नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक से बाहर रहने वाले लोगों को भी ऑनलाइन के जरिए विवरण देने को मौका दिया जाएगा। शिवकुमार ने सभी समुदायों और संगठनों से सर्वेक्षण में सहयोग करने की अपील की और कहा कि लोगों को हमारी सरकार के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए। हम सभी को विश्वास में लेंगे और न्याय देंगे। यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों की सुरक्षा करना है और आरक्षण संबंधी निर्णय जनगणना के निष्कर्षों पर आधारित होंगे।
जाति पुनर्गणना पर सिद्धारमैया, हाई कमान के निर्देश का कर रहे पालन
