सिंह संक्रांति का पर्व 17 अगस्त दिन रविवार को है. सूर्य देव जब अपनी ही राशि सिंह में जिस समय प्रवेश करेंगे, उस समय सिंह संक्रांति होगी. सिंह राशि में सूर्य का गोचर होगा. सिंह संक्रांति के दिन स्नान और दान करने का महत्व है. ऐसा करने से पुण्य लाभ होता है, पाप मिटते हैं. इस बार सिंह संक्रांति का स्नान और दान महा पुण्यकाल में होगा. इस अवसर पर सूर्य से जुड़ी वस्तुओं का दान करते हैं. आइए जानते हैं सिंह संक्रांति के महा पुण्यकाल, स्नान दान समय और प्रभाव के बारे में.
सिंह संक्रांति की तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 17 अगस्त को 2:00 एएम पर सिंह राशि में गोचर करेंगे. उस समय सिंह संक्रांति का क्षण होगा. सिंह संक्रांति के दिन भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है. इस दिन व्याघात योग और रोहिणी नक्षत्र है.
सिंह संक्रांति का महा पुण्यकाल
इस बार सिंह संक्रांति का महा पुण्यकाल 2 घंटे का है. महा पुण्यकाल का प्रारंभ सुबह 05 बजकर 51 मिनट से होगा और यह सुबह 08 बजकर 03 मिनट तक रहेगा.
सिंह संक्रांति का पुण्यकाल
सिंह संक्रांति के दिन का पुण्यकाल 6 घंटे 34 मिनट तक है. उस दिन पुण्यकाल सुबह में 5 बजकर 51 मिनट से शुरू होगा और दोपहर में 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगा.
सिंह संक्रांति का स्नान-दान मुहूर्त
सिंह संक्रांति के अवसर पर स्नान और दान महा पुण्यकाल में करन उत्तम है. इस दिन आप स्नान और दान सुबह 05:51 बजे से सुबह 08:03 बजे के बीच कर सकते हैं. जो लोग किसी कारणवश इस समय में स्नान और दान नहीं कर सकते हैं, तो वे पुण्यकाल में कर सकत हैं. इसमें आपको सुबह से दोपहर 12:25 बजे तक का समय मिलेगा.
गर्दभ पर सवार हो उत्तर में गमन करेंगे सूर्य देव
इस सिंह संक्रांति का नाम राक्षसी है. भगवान सूर्य का वाहन गर्दभ है. वे गुलाबी वस्त्र पहने, हाथ में दंड लिए, गर्दभ पर सवार होकर, दृष्टि ईशान कोण में रखे, कांसे के पात्र में पकवान खाते हुए उत्तर दिशा में गमन करेंगे. उनकी मुद्रा हास्य की होगी. इस दिन सूर्य देव को केतकी का फूल अर्पित करें.
सिंह संक्रांति का प्रभाव
यह सिंह संक्रांति पशुओं के लिए ठीक होगी. उम्मीद है कि सिंह संक्रांति में वस्तुओं की कीमतें कम हों. हालांकि इस समय में भी देशों के बीच झगड़े, विवाद बढ़ने की आशंका है. संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी. बदलते हुए मौसम में लोग खांसी, सर्दी और जुकाम से परेशान हो सकते हैं.
सिंह संक्रांति पर क्या दान करें?
सिंह संक्रांति पर आप स्नान करने के बाद गेहूं, लाल चंदन, लाल फल, लाल फूल, केसर, लाल वस्त्र, तांबा, गुड़, घी आदि का दान करें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य मिलता है. इन वस्तुओं के दान से कुंडली का सूर्य दोष मिटता है. सूर्य का शुभ फल प्राप्त होगा. इससे नौकरी, धन, धान्य, पिता से संबंधों में बढ़ोत्तरी होगी.