व्यापार: भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ लगाए जाने के बाद पैदा आर्थिक अनिश्चितता के कारण शहरी उपभोक्ताओं की भावनाओं में अगस्त, 2025 में गिरावट आई है। इसका असर यह हुआ कि कमाई बढ़ने के बाद भी शहरी इलाकों में रहने वाले परिवारों ने पिछले महीने खरीदारी टाल दी।
अब जीएसटी 2.0 के 22 सितंबर, 2025 से लागू होने के बाद दैनिक इस्तेमाल के उत्पादों की कीमतों में कमी आने से त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है। इससे सितंबर और उसके बाद के महीनों में शहरी उपभोक्ताओं की भावनाओं में सुधार की उम्मीद है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी परिवारों की भावनाएं प्रभावित होने के कारण उपभोक्ता अपेक्षा सूचकांक (आईसीई) अगस्त में 1.8 फीसदी घट गया। इसके साथ ही, पिछले दो महीनों (जून-जुलाई) की बनी बढ़त भी गायब हो गई। जून और जुलाई में उपभोक्ता अपेक्षा सूचकांक 4 फीसदी बढ़ा था।
उपभोक्ता अपेक्षा सूचकांक अगले साल होने वाली कमाई को लेकर परिवारों की अपेक्षाओं को दर्शाता है। यह भी बताता है कि वे अगले साल और आगामी पांच वर्षों में देश की वित्तीय एवं व्यावसायिक स्थितियों के बारे क्या सोचते हैं।
अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ी चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी परिवार अमेरिका के साथ व्यापार जोखिम का अर्थव्यवस्था (वित्तीय एवं व्यावसायिक स्थिति) पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित है। इससे निकट और दीर्घकालिक दोनों ही स्थितियों में कारोबार को लेकर परिवारों के आशावाद में अगस्त में 1.5 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि निराशावादियों की संख्या करीब 2 फीसदी बढ़ गई है।
परिवारों को कमाई बढ़ने की उम्मीद
देश की व्यावसायिक और आर्थिक स्थितियों को लेकर चिंतित शहरी उपभोक्ताओं को अगले साल अपने परिवार की कमाई बढ़ने की उम्मीद है। इससे आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति की उम्मीद रखने वाले परिवारों का अनुपात अगस्त में बढ़कर 43.6 फीसदी पहुंच गया, जो जुलाई में 43 फीसदी रहा था। ऐसे परिवारों का अनुपात जुलाई के 42.6 फीसदी से बढ़कर अगस्त में 42.9 फीसदी पर पहुंच गया, जो मानते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति एक साल पहले से बेहतर हुई है।
अच्छे समय में टली टीवी एसी और फ्रिज की खरीद
शहरी परिवारों में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और एयर कंडीशनर (एसी) जैसी उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं खरीदने की इच्छा में उल्लेखनीय गिरावट आई है। वह भी तब, जब ये परिवार उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीदारी के लिए इसे अच्छा समय मानते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीद टालने वाले शहरी परिवारों की हिस्सेदारी अगस्त में घटकर 35 फीसदी रह गई, जो जुलाई में 36.5 फीसदी थी। जीएसटी सुधार से एसी, टीवी व वाहन जैसे उत्पाद 10 फीसदी सस्ते हो जाएंगे। इससे परिवारों का खरीद को लेकर नजरिया बदलेगा।