व्यापार: जापान की प्रमुख निवेश कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप ने इस साल की दूसरी तिमाही में जबरदस्त मुनाफा कमाया है। कंपनी का शुद्ध लाभ 2.5 ट्रिलियन येन (करीब 16.6 अरब डॉलर) तक पहुंच गया। यह पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। इस बढ़त का मुख्य कारण ओपनएआई में सॉफ्टबैंक की हिस्सेदारी का मूल्य बढ़ना है। ओपनएआई वही कंपनी है जिसने चैटजीपीटी जैसे एआई टूल्स बनाए हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट?
विश्लेषकों ने इस तिमाही में 207 अरब येन के लाभ का अनुमान लगाया था, जबकि सॉफ्टबैंक ने 2.5 ट्रिलियन येन का मुनाफा दर्ज किया। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी को 1.18 ट्रिलियन येन का लाभ हुआ था। सॉफ्टबैंक की विजन फंड इकाई ने अकेले 3.5 ट्रिलियन येन का निवेश लाभ दर्ज किया। इसमें से 2.16 ट्रिलियन येन ओपनएआई से जुड़े निवेश से आया।
एआई निवेश के कारण सॉफ्ट बैंक को बड़ा फायदा
एआई तकनीक में तेजी से हो रहे निवेश और डेटा सेंटर जैसे बुनियादी ढांचे की मांग ने सॉफ्टबैंक को बड़ा फायदा पहुंचाया है। कंपनी के शेयर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। हालांकि, कुछ निवेशकों को चिंता है कि कहीं यह "एआई बुलबुला" न साबित हो, यानी भारी निवेश के बावजूद उतना लाभ न मिल पाए।
ओपनएआई में निवेश की कहानी
मार्च में सॉफ्टबैंक ने ओपनएआई में 300 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर निवेश किया था। अक्तूबर में में कंपनी ने ओपनएआई के कर्मचारियों से 500 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 6.6 अरब डॉलर के शेयर खरीदे।
निवेश के लिए जुटाया फंड
ओपनएआई में निवेश में लिए सॉफ्टबैंक ने एनवीडिया के 32.1 मिलियन शेयर बेचे, इसकी कीमत करीब 5.83 अरब डॉलर थी। अप्रैल से अब तक कंपनी ने तीन अलग-अलग मुद्राओं में कुल 620 अरब येन, 2.2 अरब डॉलर और 1.7 अरब यूरो के बांड जारी किए। ओपनएआई में निवेश के लिए 8.5 अरब डॉलर का ब्रिज लोन लिया गया। सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनी एम्पीयर के अधिग्रहण के लिए 6.5 अरब डॉलर का ब्रिज लोन भी तय किया गया है। सॉफ्टबैंक के संस्थापक मासायोशी सोन को तकनीकी बदलावों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने चीन की कंपनी अलीबाबा में शुरुआती निवेश कर अच्छा लाभ कमाया था। हालांकि वीवर्क में उनका निवेश नुकसानदेह भी साबित हुआ।
