पहलगाम हमले में शामिल सुलेमान और यासिर का अंत, सेना ने लिया बदला

भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है. ठीक तीन महीने बाद पहलगाम में 26 मासूमों की बेरहमी से हत्या करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है. सूत्रों के अनुसार तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों सुलेमान, यासिर और अली के शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से सुलेमान और यासिर पहलगाम हमले में शामिल थे.

इनके पास से यूएस-बेस्ड कर्बाइन, एके-47, 17 राइफल ग्रेनेड और अन्य सामग्री मिली है. भारतीय सेना के लिए यह बड़ी कामयाबी है, पहलगाम हमले के सारे आतंकियों को ढेर कर दिया गया है, अब सिर्फ एक बचा है.

भारतीय सेना को यह सफलता ऑपरेशन महादेव के तहत मिली है, यह अभियान आतंकियों के खिलाफ चलाया गया है. जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में भारतीय सेना का सर्च ऑपरेशन चल रहा था, यहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका थी, जिसके लिए ऑपरेशन महादेव चलाया गया. इसके तहत ही ये तीन आतंकी श्रीनगर में मारे गए.

सेना ने श्रीनगर में महादेव पहाड़ी के पास दाचीगम में तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है, लेकिन उनकी पहचान के बारे में कुछ नहीं कहा है. सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया. ऑपरेशन जारी है.'

महादेव पहाड़ी के पास सेना ने अपना कैंप बनाया हुआ है, इसके जरिए सेना इलाके की गतिविधियों पर नजर रखती है. यह सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का जॉइंट सर्च ऑपरेशन है. यहां आतंकी मूसा की मूवमेंट का पता चला था. पहाड़ी के पास ही आतंकी टेंट बनाकर रह रहे थे. अहम बात ये है कि सेना और आतंकियों के बीच जिस जगह पर मुठभेड़ हुई, वह पहाड़ी पर है और वहां पैदल चलकर ही पहुंचा जा सकता है.

इसी साल 26 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 मासूमों की बहुत बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. उस वक्त ये लोग कश्मीर की वादियों का आनंद ले रहे थे और तभी अचानक से मुंह पर कपड़ा बांधे कुछ लोग वहां आए और लोगों से उनका धर्म पूछकर गोली मार दी. हमले में मुख्यरूप से पुरुषों को निशाना बनाया गया था. कई फैमिली घटना के वक्त वहां मौजूद थीं, जिन्होंने बताया कि यह घटना कितनी भयावह थी, जिसमें किसी ने अपना पति, किसी ने पिता तो किसी ने अपना बेटा खो दिया. 

हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी ग्रुप द रेजेिस्टेंस फ्रंट ने ली थी. भारत ने हमले के जवाब में 6-7 मई की दरमियानी रात को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की. दोनों देशों की तरफ से 3-4 दिन हमले किए गए, जिसमें पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा था. 10 मई को दोनों सीजफायर के लिए सहमत हो गए.