मुंबई । भारत की बेहतरीन गायिकाओं में शुमार सुनिधि चौहान अपनी बहुमुखी आवाज और अद्भुत स्टेज प्रेजेंस के लिए जानी जाती हैं। सुनिधि ने कम उम्र से ही संगीत की दुनिया में कदम रखा और आज तक अपनी अनूठी पहचान बनाए रखी है। चाहे पार्टी नंबर हो, रोमांटिक ट्रैक या सूफियाना गीत उनकी आवाज हर जॉनर में बेमिसाल है। ‘कमली’, ‘मेरे हाथ में तेरा हाथ हो’, ‘बुमरो’, ‘ए वतन’ और ‘इश्क सूफियाना’ जैसे गानों ने उन्हें संगीत प्रेमियों के दिल में खास जगह दिलाई है।
अपने शानदार योगदान के लिए उन्हें तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड और एक साउथ फिल्मफेयर अवॉर्ड सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्लेबैक सिंगिंग के साथ-साथ सुनिधि की लाइव परफॉर्मेंस भी खास पहचान रखती हैं। मंच पर उनका आत्मविश्वास और ऊर्जा अंतरराष्ट्रीय पॉप सिंगर्स को भी टक्कर देती है। वो मानती हैं कि लाइव शो में वह “कैप्टन ऑफ द शिप” होती हैं, जहां सब कुछ उनके कंट्रोल में होता है। यह उनके लिए जिम्मेदारी के साथ-साथ रोमांच का भी अनुभव है।
सुनिधि महिलाओं की ताकत और क्षमता में गहरा विश्वास रखती हैं। उनका कहना है कि महिलाएं अगर ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं है बस समय के साथ चलना जरूरी है। मातृत्व पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने बताया कि यह अनुभव उन्हें धैर्य, जिम्मेदारी और जीवन के सुंदर पलों का महत्व सिखाता है। एक बेटे की मां होने के नाते उन्होंने इसे अपने जीवन का सबसे खास अनुभव बताया। उनका मानना है कि गाना उनके लिए कभी केवल काम नहीं रहा यह उनका जुनून है। वर्तमान में जीना और हर पल को महसूस करना उनकी जीवनशैली का हिस्सा है। यही वजह है कि उनकी लाइव परफॉर्मेंस में दर्शक न केवल उनकी आवाज से, बल्कि उनकी ऊर्जा और सकारात्मकता से भी जुड़ जाते हैं।
सुनिधि चौहान आज भी नए दौर के संगीत और बदलते ट्रेंड्स के साथ खुद को ढाल रही हैं, लेकिन उनकी असली ताकत उनकी सच्चाई और संगीत के प्रति समर्पण में है, जो उन्हें भारतीय संगीत जगत में एक प्रेरणादायक शख्सियत बनाता है।
सुनिधि चौहान: सुरों की रानी, जो जुनून को जीती हैं
