मीनाक्षी शेषाद्री ने समझाया मर्यादा का मतलब कहा यही है औरत की असली ताकत

मुंबई: ‘जब मैं छोटी थी, नवरात्रि सिर्फ पूजा का समय नहीं था। हमारे घर में दक्षिण भारत की परंपरा के मुताबिक ‘कोल्लु’ सजाई जाती थी। रंग-बिरंगे फूल, दीपक और देवी के चित्र। मेरी मां इसे पूरे जोश से सजाती थीं। हम सब मिलकर गीत गाते, हंसते-नाचते और त्योहार का पूरा मजा लेते थे। यह सब…

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