
माइक्रोप्लास्टिक और दिमागी सेहत पर खतरे की घंटी; ताज़ा शोध में अल्ज़ाइमर से जुड़ा नया रिश्ता सामने आया
नई दिल्ली। आज की दुनिया में प्लास्टिक हमारी जिंदगी का ऐसा हिस्सा बन चुका है जिससे पूरी तरह बच पाना लगभग असंभव है। पानी की बोतल, पैकेजिंग, खाने-पीने की चीजें और यहां तक कि हवा में भी प्लास्टिक के बेहद छोटे-छोटे कण मौजूद रहते हैं। इन्हें माइक्रो और नैनो प्लास्टिक कहा जाता है। हाल ही…