बिना गोत्र के अधूरी है पूजा! जानें कैसे करें अपने गोत्र की पहचान

किसी की पहचान सिर्फ उसके नाम या गांव से नहीं होती बल्कि हमारे पुरखों की परंपरा और ऋषियों की स्मृति भी उसमें जुड़ी होती है, यही संबंध गोत्र कहलाता है. यह सिर्फ एक पारिवारिक नाम नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों से जुड़ी हुई एक पवित्र परंपरा है, जो आज भी विवाह, उपनयन संस्कार और पूजा-पाठ जैसे…

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