
‘लाल सलाम’ का आखिरी सलाम: अब बंदूकें नहीं, भरोसे की बुनियाद पर होगा भविष्य
छत्तीसगढ़ का नाम जब भी सामने आता है, अक्सर उसके साथ नक्सलवाद की छवि जुड़ जाती है. लाल सलाम, जंगलों में सन्नाटा, गोलियों की गूंज और वीरान होते गांव. ये तस्वीरें बरसों से बस्तर जिले की पहचान बन चुकी थीं, लेकिन अब हवा का रुख बदल चुका है. देश के अन्य जिलों की तरह ही…