नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय नौसेना अपने जंगी बेड़े को लगातार मजबूत बनाने में लगी हुई है। जिसमें एक ओर पिछले जुलाई महीने की शुरुआत में रूस से उसे मिला आईएनएस तमाल युद्धपोत भारत पहुंचने की अपनी यात्रा में ग्रीस की सौडा खाड़ी में डाले गए बंदरगाह पड़ाव को पूरा कर आगे बढ़ गया है। वहीं, दूसरी ओर बल का ही एक अन्य पोत आईएनएस कदमत ने भी इंडोनेशिया के सुरबाया में अपना तीन दिवसीय बंदरगाह प्रवास सफलता के साथ संपन्न कर लिया है। नौसेना ने बताया कि तमाल भारत में अपने घरेलू बंदरगाह तक पहुंचने के रास्ते में एशिया के मित्र देशों के बंदरगाह का दौरा करेगा। जिससे खासतौर पर समुद्री कूटनीति को बढ़ावा मिलेगा और तमाम देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय नौसैन्य संबंध भी मजबूत होंगे।
नौसेना ने कहा, तमाल का ग्रीस के बंदरगाह पर पहुंचने का निर्णय भारत के साथ उसके संबंधों को दिए जाने वाले महत्व और भारत-ग्रीस के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग को सशक्त करने के प्रयासों का प्रमाण है। जिसकी मदद से दोनों नौसेनाओं को आपस में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने व संयुक्त सहयोग के लिए भावी अवसरों का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। सौडा खाडी में तमाल 19 से 22 अगस्त तक रुका था। इसके बाद उसने हेलेनिक नौसेना की रूसेन श्रेणी की गश्ती नौका एचएस रिटोस के साथ एक अभ्यास में शिरकत की थी। बंदरगाह पर पहुंचने पर युद्धपोत के चालक दल ने हेलेनिक और नाटो अधिकारियों के साथ बातचीत की। साथ ही सौडा स्थित ग्रीस नौसेना के अड्डे, आयुध सुविधा और स्थानीय समुद्री संग्रहालय का दौरा किया। क्रेते में द्वितीय विश्व युद्ध के कब्रिस्तान में चालक चल ने श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
वहीं, इंडोनेशिया के अपने प्रवास में नौसेना के कदमत पोत ने दोनों देशों के बीच मौजूद दोस्ती के मजबूत संबंध, विश्वास और दोनों नौसैन्य बलों के बीच आपसी संचालनीयता और रणनीतिक सामंजस्य को साफ तौर पर प्रदर्शित किया है। पोत के चालक दल ने विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया। कदमत की ये यात्रा क्षेत्र में भारतीय नौसेना की एक स्वैच्छिक सुरक्षा भागीदार के रूप में बनी हुई प्रतिबद्धता और दोनों देशों के बीच साझा विजन के तहत समूचे समुद्र में बनी हुई दीर्घावधि साझेदारी की झलक भी प्रस्तुत करती है।
भारत यात्रा के बीच ग्रीस की सौडा खाड़ी में डाला तमाल युद्धपोत ने लंगर
