मुंबई। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बहुत बुरी हार हुई है। इसका असर महाराष्ट्र में अभी से दिखाई देने लगा है।शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे अब कांग्रेस को आंख दिखाने लगे हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस अपने निर्णय खुद लेने के लिए स्वतंत्र है और उनकी पार्टी भी अपने फैसले स्वतंत्र रूप से लेती है। दरअसल कांग्रेस ने ही ऐलान किया था कि वह बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी। इसके एक दिन बाद यानी रविवार को आया उद्धव का यह बयान इस बात का संकेत है कि वह कांग्रेस को मनाने की कोई कोशिश नहीं करने वाले हैं।
उद्धव ठाकरे ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली भारी जीत पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि राजद नेता तेजस्वी यादव को मिले विशाल समर्थन को लेकर यह जांच होनी चाहिए कि यह समर्थन वास्तविक था या फिर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के ज़रिये ‘तैयार’ किया गया।महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला और मुंबई कांग्रेस प्रमुख वरखा गायकवाड़ ने शनिवार को कहा था कि पार्टी स्थानीय इकाई की सलाह के अनुसार 227 वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारेगी। चेन्निथला ने कहा, ‘स्थानीय निकाय चुनाव होने के कारण हमने मुंबई इकाई की राय को प्राथमिकता दी है।’ कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई मनसे चीफ राज ठाकरे की हालिया नज़दीकियों से पार्टी में असहजता बढ़ी है। दोनों नेताओं के बीच बढ़ती बातचीत को कांग्रेस अपने लिए राजनीतिक जोखिम के रूप में देख रही है। वहीं बीएमसी चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने ‘बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक सार्वजनिक ट्रस्ट’ का पुनर्गठन कर उद्धव ठाकरे को दोबारा इसके अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। उन्होंने यह पद 2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद छोड़ दिया था। नए गठन में बीजेपी का प्रतिनिधि भी वापस शामिल किया गया है, जिसे एमवीए सरकार ने 2020 में ट्रस्ट से हटा दिया था। अब बीजेपी विधायक पराग अलवानी, उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) नेता शिशिर शिंदे इस ट्रस्ट के सदस्य होंगे।
महाराष्ट्र में दिखने लगा कांग्रेस की बिहार में हार का परिणाम, दुत्कारने लगे उद्धव ठाकरे
