कोच्चि । अरब सागर में सिंगापुर का कंटेनर जहाज अचानक आग की लपटों में घिर गया। कोलंबो से मुंबई जा रहे जहाज में जबरदस्त विस्फोट हुआ और देखते ही देखते आग फैल गई। जहाज पर सवार 18 में से 14 क्रू मेंबर्स को बचा लिया गया, लेकिन 4 अब भी लापता हैं। इंडियन कोस्ट गार्ड और एयरफोर्स ने तुरंत एक्शन लेकर बड़ा हादसा होने से बचा लिया। लेकिन सवाल यही है कि आखिर इस जहाज में ऐसा क्या था जो आग शांत नहीं हो रही? अगर यह ब्लास्ट कोच्चि या मुंबई शहर के पास होता तब क्या होता?
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, कार्गों शिप 503 पर करीब 650 कंटेनर थे, जिसमें से 20-50 कंटेनर समुद्र में गिर चुके हैं। जहाज के मालिकों से कंटेनरों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें ज्वलनशील और जहरीले रसायन हो सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस जहाज में भी इसतरह तेजी से जलने वाले पदार्थ मौजूद हो सकते हैं, जो थर्मल रनअवे (तेज गर्मी से खुद ब खुद विस्फोट) का कारण बन रहे हैं।
अगर यह विस्फोट कोच्चि या बेपोर जैसे शहर के पास होता तब परिणाम विनाशकारी हो सकते थे। समुद्री विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर की आग और विस्फोट अगर जमीन के पास होता तक एक किलोमीटर तक झटके महसूस हो सकते थे। सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी। पोर्ट तहस-नहस हो सकते थे।
विशेषज्ञों की चेतावनी
जानकार का मानना है कि अगर जहाज में जेट फ्यूल या बंकर ऑयल है, तब यह समुद्र में फैल सकता है और केरल तट की मछली पालन व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर जहाज में लिथियम बैटरियां हैं, तब यह आग हफ्तों तक सुलग सकती है और कोई सामान्य पानी या फोम बुझा नहीं सकता। जहाज से समुद्र में गिरे कंटेनर सिर्फ एक जली हुई लाश नहीं, बल्कि बहता हुआ जहर हैं। इसमें से कुछ कंटेनर अगर फूट गए तब प्लास्टिक, रसायन, और भारी धातुएं समुद्री जीवों को नष्ट कर सकती हैं। केरल जैसे राज्य, जहां हजारों मछुआरे और तटीय परिवार समुद्र पर निर्भर हैं, उनके लिए यह हादसा रोजी-रोटी का संकट बन सकता है।