73वें संविधान संशोधन के अधिकारों की मांग हुई मुखर, पंचायत परिषद ने भरी हुंकार

मैहर / भोपाल। बुधवार को मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद द्वारा पटेल मैरेज पैलेस ,जनपद पंचायत के समीप आयोजित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों एवं सरपंचों के महासम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया पंचायत परिषद के मुख्य महामंत्री श्री शीतला शंकर विजय मिश्र, ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार वायदा खिलाफी करके अपनी विश्वसनीयता खो रही है और विगतवर्ष 23 जुलाई 2024 को अम्बेडकर पार्क भोपाल में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे लगभग 15 हजार से अधिक सरपंचों के सम्मेलन में मध्यप्रदेश के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल जी एवं राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह जी को ग्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर सौपे गए 28 सूत्रीय मांगों के स्वीकार करने का आश्वासन दिया था। आज एक वर्ष पूरा हो रहा है लेकिन सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण मांगों को पूरा नहीं किया है और मासूम सरपंचों के साथ वायदा खिलाफी किया है। ऑल इंडिया पंचायत परिषद (अखिल भारतीय पंचायत परिषद ) ग्राम सशक्तिकरण एवं आत्म निर्भर गाँव,चलो गाँव की ओर (ग्राम स्वराज) अभियान कार्य क्रम विगत वर्षों से चला रही है और मा० प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सांसदों एवं विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र के गावों में विकास कार्यों की जानकारी के लिए चलो गांव की ओर कार्यक्रम के तहत चौपाल लगाने का निर्देश दिया था लेकिन परिणाम ढाँक के तीन पात ही रहे। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के सम्मेलन को अवगत कराते हुए श्री मिश्र मुख्य महामंत्री, ने कहा कि ऑल इंडिया पंचायत परिषद के अनवरत संघर्षो  के परिणाम स्वरूप त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के जनक श्री मेहता जी के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुरूप भारतीय संविधान में 73वाँ एवं 74वाँ संशोधन हुआ और राज्य सरकारों ने अपने राज्य में पंचायती राज एक्ट बना कर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का निर्वाचन कराना प्रारम्भ तो कर दिया परंतु 73वें, 74वें संवैधानिक संशोधन एवं पेशा पंचायत एक्ट 1996 द्वारा प्रदत्त 29 विभागों के अधिकारों को पंचायती राज संस्थाओं को विधिवत हस्तांतरित आज तक नहीं किया है और न, ही यथोचित सम्मान जनक मानदेय निर्वाचित पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को दिया है। सरकार को वायदा खिलाफी महंगी पड़ेगी यदि आवश्यकता पड़ी तो आप सभी के नेतृत्व में परिषद विधान सभा का घेराव करेगी।

श्री मिश्र जी ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित हजारों पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को कहा कि अनवरत जारी वर्षा में भी आप लोगों की विशाल भागीदारी सुनिश्चित कर रही है कि “मंजिल करीब है कदम आगे बढ़ाये जा,थामे थकन जो पांव तो  कह दे अभी नहीं ।विजय हिम्मत तेरी जवां हैं तमन्ना तेरी हसीं ।।
मध्य प्रदेश पंचायत परिषद के माध्यम से ऑल इंडिया पंचायत परिषद ने त्रिस्तरीय पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों क्रमशः सरपंच गण ,जनपद पंचायत अध्यक्ष गण एवं अध्यक्ष ज़िला परिषद तथा ज़िला परिषद सदस्य ,क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं ग्राम पंचायत सदस्यों को सम्मान जनक मानदेय प्रतिमाह राज्य सरकार प्रदान करे और समस्त त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के उपरोक्त निर्वाचित प्रतिनिधियों को सांसद,विधायकों की तरह यथोचित पेंशन दिलवाने के लिए जन जागरण पखवारा अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

श्री मिश्र ने इस महासम्मेलन के माध्यम से माननीय मुख्य जी से अपील किया कि वह 73वें संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रदत्त 29 विषयक संवैधानिक अधिकारों एवं उपरोक्त मासिक मानदेय ,पेंशन आदि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को यथा शीघ्र बिना किसी टकराव के देने की घोषणा करें और लागू करें ताकि अमर शहीद श्री बलवंत राय मेहता जी के गाँव गणराज्य के संकल्प एवं गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार किया जा सके। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो मानदेय  दिया जा रहा है वह बहुत कम और सम्मान जनक नही है उस पर पुनर्विचार करे। श्री मिश्र ने कहा कि पेशा पंचायत के अनुसार प्रधानमंत्री जी एवं मुख्य मंत्री जी राज्य सरकार मध्य प्रदेश बताएँ कि आदि वासियों के हालात कब सुधरेंगे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार ,झारखंड एवं राजस्थान में गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या रहती है, शहर , गाँव और क़स्बों में रहने वाले लोगों के साथ आदिवासियों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। आदिवासियों के घर जंगलों में बने होते हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुँच पाता है। ऐसे में बिजली , पानी, समेत सरकारी मूल भूत योजनाओं का लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पाता है। इन वंचित योजनाओं का लाभ आदिवासियों को मिलना चाहिए।यह आश्चर्य जनक है कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों के लिए चलाई जा रही 250 योजनाओं में से लग भग 54%योजनाओं में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ है। इस ओर तेज़ी लाने की आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि आदिवासी भी हमारे समाज के अहम हिस्सा हैं। वे लोग न केवल कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं बल्कि जंगलो की ज़िम्मेदारी भी अपने कंधों पर उठाए होते हैं। इसके साथ अपने समुदाय की सदियों पुरानी संस्कृति को बचाए रखते हैं। आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएँ प्राप्त हो सकें, यह उनके समुदाय के उद्धार के लिए ज़रूरी है। यह तभी सम्भव होगा, जब हम आदिवासियों की बात सुनें और उन्हें हल कराने का प्रयास करें।

श्री मिश्र ने कहा कि आदिवासी जंगल में निवास करते हैं और जंगल पर ही उनकी आजीविका निर्भर होती हैं। जंगलों के बिना आदिवासियों की कल्पना मुश्किल है। जंगलों में लकड़ियाँ , देशी औषधि और मवेशियों का चारा बेंच कर उनके परिवार का भरण पोषण होता है। आज भी राष्ट्रीय स्तर पर शासन प्रशासन की ओर से आदिवासियों को पर्याप्त सुविधाएँ नहीं मिल रही है। फ़िलहाल शिक्षा का स्तर सुधरने के कारण आदिवासी समाज में रोज़गार उपलब्ध होने से घर की माली हालत ठीक हुई है, लेकिन हालात सुधरने में थोड़ा समय लग सकता है। माननीय प्रधान मंत्री जी से अपील है कि आदिवासियों के चतुर्मुखी विकास के लिए तत्काल सकारात्मक कदम उठायें और जल, जंगल, ज़मीन पर उनको मालिकाना हक़ भी देने के लिए क़ानून बनाएँ। 

श्री अशोक सिंह जादौन, मा०अध्यक्ष ऑल इंडिया पंचायत परिषद ने सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण एवं 73वें संविधान संशोधन के द्वारा पंचायतों को प्रदत्त 29 विषयक संवैधानिक अधिकारों को राज्य सरकारों से त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को हस्तानांतरित करवाने के लिए और आत्म निर्भर गाँव की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से चलो गाँव की ओर अभियान कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश राज्य के समस्त त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों का इस सम्मेलन के माध्यम से आह्वान किया के वे संघर्ष के लिए तैयार रहें ।ऑल इण्डिया पंचायत परिषद आपके साथ है।

श्री सिंह ने कहा कि ग्राम सभाएँ जब तक आत्म निर्भर नहीं होगी तब तक आज़ादी के 77 वर्ष के तहत अमृत महोत्सव आधा – अधूरा है। श्री जादौन ने माँग की कि प्रधान मंत्री जी स्व घोषित आदर्श ग्राम सभाओं के विकास की समीक्षा कराकर देश को बताएँ कि देश में कितनी ग्राम सभाएँ अभी तक आदर्श ग्राम सभा बन पायी हैं? मुख्य अतिथि श्री जादौन जी ने कहा कि पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए अमर शहीद श्री बलवंत राय मेहता जी के दिखाए रास्ते पर चल कर उनके अधूरे स्वप्नों को साकार करने का प्रयास करेंगे और ग्राम पंचायत के सरपंचों को प्रशिक्षित करके इतना  सशक्त बनाने का प्रयास करेंगे कि विधायक एवं सांसद सरपंच के पास समस्याएं जानने एवं निदान के लिए ग्राम पंचायत अध्यक्ष से सम्पर्क करेंगे। श्री जादोन ने कहा कि ग्राम पंचायत के सरपंच गण ,जनपद अध्यक्ष गण एवं अध्यक्ष जिला परिषद गण अपने पद की गरिमा का ध्यान रखें और गुटबाजी से दूर रहें ताकि ग्राम ,जनपद व जिला का चतुर्मुखी विकास हो सके।

श्री महेंद्र कुमार यादव जी उपाध्यक्ष ,ऑल इंडिया पंचायत परिषद ने सम्मेलन में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि सरपंच ,ग्राम सभा का प्रधान मंत्री होता है और पंच गण,अपनी -अपनी समितियों के सदस्य के रूप में मंत्री होते हैं।पंचायत सचिव ,ग्राम सेवक है और सरपंच के अधीनस्थ कार्य करता है और उसका सी आर लिखने का अधिकार सरपंच को संविधान द्वारा दिया गया है उसे सीमित करने का अधिकार सरकार कम नहीं कर सकती है।शिक्षा ,भूमि प्रबंधन,सामाजिक न्याय,सिचाई, स्वास्थ्य एवं निर्माण कार्य आदि कराने एवं नियंत्रित करने का अधिकार सरपंच साहबान को दिया गया है ।ग्राम पंचायत एक कार्यदायी संस्था है ,आप लोग स्वार्थ से ऊपर उठकर अपनी ज़िम्मेदारी, शक्तियों को समझें और एकजुट रहें कोई नौकर शाह शोषण करने का प्रयास करे तो पुरजोर विरोध कीजिए।

श्री अशोक सिंह सेंगर जी अध्यक्ष ,मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद ने बताया कि आज के सम्मेलन में प्रदेश के समस्त जिलों से अधिकांश अध्यक्ष गण जिला परिषद ,अध्यक्ष गण जनपद पंचायत,सदस्य गण एवं 23000 ग्राम पंचायतों के सर्वाधिक सरपंच गण ,पंच गण उपस्थित होकर अपनी एकता एवं प्रतिबद्धता प्रदर्शित किया है। प्रदेश के समस्त संभागों एवं सर्वाधिक जिलों के स्तर पर मध्यप्रदेश पंचायत परिषद ने विगत वर्ष से लेकर अब तक त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया है और शीघ्र ही राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन भोपाल में किया जाएगा। 

श्री सेंगर ने सम्मेलन मे शामिल सभी प्रतिनिधियों से अपील किया कि आप लोग माँ शारदा की शक्तिपीठ की धरती पर आज संकल्प लें कि सरकार को तब -तक चैन से नहीं बैठने देंगे जब तक 73 वें संविधान संशोधन के अनुरूप शक्तिविकेंद्रीय करण सिद्धांत के तहत संपूर्ण फण्ड, फंग्शन एवं फ़ंगशनरीज़ का अधिकार पंचायतों को राज्य सरकार नहीं प्रदान कर देती है।
सम्मेलन की अध्यक्षता श्री विजय सिंह पटेल जी अध्यक्ष जिला पंचायत मैहर ने किया और सम्मेलन में सरपंच श्री नरेंद्र सिंह चौहान दावतपुरा ,प्रदेश प्रवक्ता, मध्यप्रदेश पंचायत परिषद ,श्री महेंद्र सिंह बुंदेला,राष्ट्रीय सचिव ऑल इण्डिया पंचायत परिषद श्री जालम सिंह पटेल अध्यक्ष जनपद पंचायत सोहागपुर जिला नर्मदापुरम, बद्रीदस वैरागी जी,अध्यक्ष जिला पंचायत दमोह आदि ने समस्याओं के संबंध में सारगर्भित विचार प्रकट किया ।

सायंकाल 5 बजे सम्मेलन में सर्वसम्मति से पारित 24 सूत्रीय प्रस्ताव जो महामहिम श्री राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन लेकर सम्मेलन में उपस्थित समस्त प्रतिनिधियों ने ऑल इंडिया पंचायत परिषद के नेतृत्व मे 4 किलोमीटर तक भीगते हुए पैदल मार्च कर जिलाधिकारी , मैहर के कार्यालय पहुँच कर जिलाधिकारी मैहर को 24 सूत्रीय मांग पत्र को पढ़कर सुनाया गया और ज्ञापन सौंपा गया। जिलाधिकारी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए, ज्ञापन रिसीविंग की प्रति दिया और आश्वासन दिया कि हमारे जिले स्तर की जो भी समस्या होगी उसका निराकरण शीघ्र ही किया जाएगा और ज्ञापन मूलरूप में महामहिम श्री राज्यपाल महोदय को प्रेषित करेंगे। जिलाधिकारी कार्यालय पर सम्मेलन समाप्ति की घोषणा मध्यप्रदेश पंचायत परिषद के अध्यक्ष श्री अशोक सिंह सेंगर द्वारा की गई और अंत मे सम्मेलन के अध्यक्ष श्री विजय सिंह पटेल ने समस्त त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के समस्त निर्वाचित पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों को सम्मेलन सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। लोकसभा न विधान सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा और जय पंचायती राज के गगनभेदी नारा लगाते हुए सभा विसर्जित हुई ।