सीमांचल में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर सियासी संग्राम, चुनावी समीकरणों पर असर तय

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमांचल का सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है। अररिया जिले के जोगबनी में हाल ही में भड़के ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। इस मुद्दे पर बीजेपी, आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगा रहे हैं।

बीजेपी: "सौहार्द ही विकास का असली मॉडल"
बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने शुक्रवार (27 सितंबर) को इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जोगबनी में हुई आगजनी और दुकानों में लूट की घटनाएं गंभीर हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की संलिप्तता पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। मिश्रा ने कहा, "बिहार में आपसी सौहार्द और भाईचारा बना रहना चाहिए क्योंकि यही विकास का असली मॉडल है। विपक्षी दल जानबूझकर धार्मिक मुद्दों को हवा दे रहे हैं ताकि चुनावी फायदा उठा सकें।"

आरजेडी: "बीजेपी का एजेंडा सिर्फ दो समुदायों को भिड़ाना"
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि हर चुनाव में बीजेपी का एजेंडा हिंदू-मुस्लिम करना होता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी के बहकावे में न आएं और शांति बनाए रखें। तिवारी ने आरोप लगाया, "बीजेपी उत्तर प्रदेश की सांप्रदायिक राजनीति की आग को अब बिहार में फैलाना चाहती है। आरजेडी रोजगार, सिंचाई और शिक्षा जैसे मुद्दों पर बात कर रही है, जबकि बीजेपी सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है।"

कांग्रेस: "नफरत फैलाने वालों की देश में नहीं कोई पूछ"
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि भारत की असली ताकत मोहब्बत और भाईचारा है, न कि नफरत और हिंसा। उन्होंने कहा, "जो लोग नफरत की बात करते हैं, उनकी देश में कोई पूछ नहीं। देश वही लोगों को सम्मान देता है जो एकता और भाईचारे का संदेश देते हैं। आज पूरा भारत कह रहा है – ‘आई लव यू भारत’, ‘आई लव यू इंडिया’, ‘आई लव यू हिंदुस्तान’ और यही भावना देश में अमन-चैन की गारंटी है।"

सीमांचल के समीकरणों पर असर तय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में इस विवाद और उस पर आए बयानों का सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है। बीजेपी जहां घुसपैठ और धार्मिक पहचान को मुद्दा बनाकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, वहीं आरजेडी विकास और सामाजिक न्याय के मुद्दों को केंद्र में रखकर मैदान में उतर रही है।