डेस्क। पाकिस्तान (Pakistan ) में अल्पसंख्यकों (Minorities) की दुर्दशा है। यहां से ईसाई, हिंदू और अहमदियों पर हो रहे अत्याचार (Atrocity) की खबरें लगातार सामने आती रहती है। अब एक बार फिर नेत्रहीन ईसाई शख्स (Christian Man) के साथ जो हुआ है वो जानकर आप हैरान रह जाएंगे। मामला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab Province) का है। पाकिस्तान में ईशनिंदा का आरोप साबित होने पर मौत तक की सजा का प्रावधान है। पाकिस्तान के ईशनिंदा जैसे कानून का दुरुपयोग धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और व्यक्तिगत एवं आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए किया जाता रहा है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में 49 साल के नेत्रहीन ईसाई व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी है। नदीम मसीह पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप है और अगर यह आरोप साबित हो जाता है तो उन्हें मौत की सजा हो सकती है। पुलिस अधिकारी मुहम्मद याकूब ने बताया, “मसीह को हाल ही में लाहौर के मॉडल टाउन पार्क से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को एक पार्किंग ठेकेदार ने बताया कि मसीह ने पैगंबर का अपमान किया है।” मसीह पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके वकील जावेद सहोत्रा ने कहा कि प्राथमिकी में बड़ी विसंगतियां हैं जिन्हें अदालत में चुनौती दी जाएगी और उम्मीद है कि मसीह को जमानत मिल जाएगी।
सहोत्रा ने कहा कि यदि निचली अदालत से मसीह को जमानत नहीं मिलती है तो वह लाहौर उच्च न्यायालय का रुख करेंगे, जो निश्चित रूप से इन तथ्यों को ध्यान में रखेगा। सहोत्रा ने दावा किया कि मसीह, जिसके दाहिने पैर में लोहे की रॉड लगी है, को पुलिस ने हिरासत में प्रताड़ित किया। नदीम मसीह की मां ने कहा कि उनके बेटे को अक्सर एक पार्किंग ठेकेदार और उसके साथियों द्वारा परेशान किया जाता था और उनका मसीह के साथ पैसों को लेकर विवाद था, जिसके कारण उनके खिलाफ ईशनिंदा का आरोप लगाया गया।
