मेरठ : शिवरात्रि पास आते ही हाईवे से लेकर पूरा शहर शिवमय हो गया है। हाईवे और अन्य कांवड़ मार्गों पर डाक कांवड़ वाहनों की रफ्तार बढ़ गई है। हर ओर हर-हर महादेव की गूंज है। भोले बाबा के दीवाने थकान की परवाह किए बिना आगे बढ़ रहे हैं। शहर में कावड़ यात्रा का जोश और भक्ति चरम पर है। बाबा औघड़नाथ मंदिर में 200 से अधिक कावड़ियों ने हाजिरी का जल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा की। रुड़की रोड, मोदीपुरम और दिल्ली रोड पर सैकड़ों कावड़ियों की टोलियां डेरा डाले हुए हैं।
जो भोले बाबा के जयकारों और भक्ति भजनों में डूबी हैं तो शिवभक्त डीजे पर नाच गाकर मनोरंजन कर रहे हैं। रात के समय डीजे और रंग-बिरंगी झांकियों से शहर का स्वरूप ही बदल रहा है। कावड़ियों की सेवा के लिए 200 से ज्यादा शिविर लगाए गए हैं। अब 23 जुलाई को शिवरात्रि पर भव्य जलाभिषेक होगा। बाबा औघड़नाथ मंदिर रेड क्वाटर्स के पास शहर के कांवड़ियों के लिए प्रशासनिक कैंप भी तैयार हो गया है। मंदिर के मुख्य द्वार पर रोजाना सामाजिक संगठनों के भंडारे आयोजित किए जा रहे हैं। हर कोई भगवान शिव की भक्ति में लीन है। अलग-अलग मनोकामना के लिए हर उम्र के शिवभक्त मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। इनमें बच्चे और युवा भी काफी संख्या में शामिल हैं। रंग-बिरंगे कावड़, डीजे और झांकियां यात्रा को और आकर्षक बना रहे हैं।
55 वर्षीय मनमोहन संतान के लिए कांवड़ उठाई
कंकरखेड़ा टंकी मोहल्ला निवासी मनमोहन ने बताया कि वह कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश में पदाधिकारी हैं। उनकी पत्नी जानसठ तहसील में कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि संतान प्राप्ति के लिए भोलेनाथ से मन्नत मांगी थी। पूरी होने पर कांवड़ उठाई है। 13 जुलाई को हरिद्वार से चले और अब यहां पहुंचे।
भोले बाबा की कृपा से मिली नौकरी
संजय नगर निवासी सूजल और राज ने बताया कि भोलेनाथ की कृपा से नौकरी मिल गई। वे नोएडा स्थित कंपनी में जॉब करते हैं। मन्नत मांगी थी कि अगर नौकरी मिल जाएगी तो कांवड़ लाएंगे। पहली बार कांवड़ लाए हैं। आगे भी कांवड़ लाते रहेंगे।
स्पोर्ट्स कंपनी के कर्मचारी लाए कांवड़
परतापुर स्पोर्ट्स कंपनी में कार्यरत कप्तान, लक्की और अभिषेक ने बताया कि वे नई बस्ती में रहते हैं और स्पोर्ट्स कंपनी में कार्यरत हैं। परिवार की खुशहाली और नौकरी में तरक्की के लिए कांवड़ लाए हैं।
101 किलो की कलश कांवड़ लाया शशांक
नई बस्ती निवासी शशांक ने बताया कि वह नई बस्ती में रहता है। उसकी दादी मुख्तयारी की उम्र 95 वर्ष है और हरिद्वार गंगा जी में स्नान के लिए नहीं जा सकती हैं। ऐसे में उनको स्नान कराने के लिए जल लेकर आया है। वह 101 किलो गंगाजल लाया है। अब वह कई दिन गंगाजल में स्नान कर पाएंगी।