बिहार में महिलाओं की आवाज से बदल रहा परिदृश्य, शिक्षा-स्वास्थ्य में आया सकारात्मक बदलाव

बिहार में महिला संवाद कार्यक्रम ने महिला सशक्तिकरण की एक नई पहल की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से शुरू किया गया यह कार्यक्रम 70,000 से अधिक स्थानों पर आयोजित हुआ. स्वास्थ्य, शिक्षा, और समाज कल्याण जैसे विभिन्न विषयों पर लाखों सुझाव प्राप्त हुए हैं. इन सुझावों के आधार पर सरकार महिलाओं की ज़रूरतों के अनुरूप योजनाओं में बदलाव करेगी और बेहतर बुनियादी ढाँचा प्रदान करेगी.

बिहार अब महिला संवाद के जरिए आधी आबादी के सशक्तीकरण की नई इबारत लिख रहा है. समाज के बदलते परिवेश में महिलाओं को मुखर होकर अपनी बात रखने का सशक्त मंच राज्य सरकार प्रदान कर रही है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक आयोजित कर की थी. पूरे राज्य में एक साथ 18 अप्रैल 2025 से हुई थी.

यह कार्यक्रम करीब एक महीने चला. इस दौरान पंचायत से लेकर जिला और राज्य स्तर पर महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पूरे राज्य में 70 हजार से अधिक स्थानों पर महिला संवाद आयोजित किए गए.

कार्यक्रम में मिले एक लाख से ज्यादा सुझाव

महिला संवाद कार्यक्रम में 40 विभागों से जुड़े अलग-अलग विषयों पर लाख से अधिक संख्या में सुझाव प्राप्त हुए हैं. इन तमाम सुझावों के आधार पर महिलाओं ने मूलभूत समस्याओं या जरूरतों को उजागर किया. ताकि इन सुझावों के आधार पर योजनाओं में जरूरी या महिलाओं के अनुकूल बदलाव किए जा सकें और इसके आधार पर सरकार जनोन्नमुखी कार्य की टिकाऊ रूपरेखा तैयार कर सकें. इसके आधार पर सुदूर इलाकों में रहने वाली महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने में सरकार को काफी मदद मिलेगी.

महिलाओं को सीधे तौर पर मिलेगा लाभ

अब तक हुए महिला संवाद कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पीएचईडी समेत अन्य विभागों से जुड़ी सुझाव बड़ी संख्या में प्राप्त हुई. इन सभी सुझावों को अलग-अलग करके इनकी समुचित समीक्षा संबंधित विभाग के स्तर पर की जा रही है. ताकि इसकी बदौलत ठोस और टिकाऊ के साथ लोक उपयोगी योजनाओं की रूपरेखा तैयार हो सके. महिलाओं को इससे सीधे तौर पर लाभ मिल सके, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर खासतौर से फोकस की जा रही है और उनकी जरूरतों के हिसाब से तमाम सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद शुरू की जा रही है.

सुझाव से तैयार होगी रूपरेखा

महिला संवाद कार्यक्रम में जितने तरह के सुझाव प्राप्त हुए हैं, उसके आधार पर कई नई कार्ययोजना तैयार की जा सकेगी. साथ ही जहां स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, चापाकल जैसी अन्य जो भी जरूरी मूलभूत संरचाओं के निर्माण की आवश्यकता है, उसका निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाएगा. इसके लिए सभी संबंधित विभागों के स्तर पर वृहद और महत्वपूर्ण कार्ययोजना तैयार कर इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा. इसकी पूरी रूपरेखा तैयार हो गई है.