छत्तीसगढ़ में डीएपी की 70% आपूर्ति घटने से मचा हाहाकार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में धान की बुवाई से पहले ही किसानों को डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) की भारी कमी से जूझना पड़ रहा है। सरकारी समितियों में खाद की अनुपलब्धता और बाजार में महंगे दामों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसान कालाबाजारी के आरोप लगा रहे हैं, जबकि राज्य सरकार वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग का सुझाव दे रही है,डीएपी के विकल्प के रूप में किसान अब एनपीके, एसएसपी और यूरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन इन विकल्पों से खर्च में लगभग 55 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो रही है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध बना संकट का कारण

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते डीएपी के आयात में भारी गिरावट आई है, जिससे राज्य में इसकी आपूर्ति में करीब 70% की कमी दर्ज की गई है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र भेजकर खाद की आपूर्ति जल्द बढ़ाने का आग्रह किया है।

बाजारों में कालाबाजारी से किसान परेशान

किसानों का आरोप है कि सरकारी समितियों में डीएपी की अनुपलब्धता के बावजूद बाजारों में यह खाद ऊंचे दामों में उपलब्ध है। इससे साफ संकेत मिलता है कि खाद की कालाबाजारी जोरों पर है। किसान मांग कर रहे हैं कि सरकार तुरंत इस पर नियंत्रण लगाए।