इन फंड्स ने किया कमाल, निवेशकों के लिए साबित हो रहे हैं ‘कुबेर का खजाना’

व्यापार : जब बात निवेश की होती है, तो ज्यादातर लोग चाहते हैं कि उनका पैसा सुरक्षित भी रहे और मुनाफा भी अच्छा मिले. इसी वजह से बहुत से लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को चुनते हैं क्योंकि इसमें रिस्क कम होता है और 7 साल में करीब 50% तक रिटर्न मिल सकता है (अगर ब्याज दर 8% हो).

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स ने इस साल इससे भी कहीं ज्यादा रिटर्न दिया है? कुछ विदेशी फंड्स ने 2025 की शुरुआत से अब तक 58% तक का रिटर्न दिया है यानी FD से ज्यादा पैसा बना सकते थे.

तो फिर हर कोई इंटरनेशनल फंड्स में निवेश क्यों नहीं करता?

असल में, इस तरह के फंड्स में निवेश करने के नियम थोड़े अलग और सख्त हैं. फरवरी 2022 में SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने घरेलू म्यूचुअल फंड कंपनियों को विदेशी शेयरों में नया निवेश करने से रोक दिया था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि RBI ने विदेशी निवेश की एक सीमा तय कर रखी है.

  • इंडस्ट्री की कुल सीमा: 7 अरब डॉलर
  • एक म्यूचुअल फंड हाउस के लिए सीमा: 1 अरब डॉलर
  • विदेशी ETF में निवेश की सीमा: 1 अरब डॉलर

बाद में SEBI ने थोड़ी छूट दी, जिससे कुछ इंटरनेशनल फंड्स दोबारा निवेश के लिए खुले. लेकिन अभी भी 70 में से सिर्फ 26 फंड्स ही नए निवेश के लिए खुले हैं और उनमें से ज्यादातर केवल ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) हैं.

इस साल सबसे अच्छा रिटर्न किसने दिया?

ACE MF के डेटा के मुताबिक, ये रहे 5 इंटरनेशनल फंड्स जिन्होंने इस साल शानदार प्रदर्शन किया

  1. Mirae Asset Hang Seng TECH ETF FoF 57.8% रिटर्न
  2. Mirae Asset NYSE FANG+ ETF FoF 50.7% रिटर्न
  3. Mirae Asset Hang Seng TECH ETF 49.0% रिटर्न
  4. Nippon India ETF Hang Seng BeES 42.5% रिटर्न
  5. Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF FoF 35.2% रिटर्न

अब क्या करें निवेशक?

अगर आप इन फंड्स में पैसा लगाना चाहते हैं, तो एक तरीका अभी भी है ETF को स्टॉक एक्सचेंज से सीधे खरीदें.ETF की यूनिट्स शेयरों की तरह एक्सचेंज पर खरीदी-बेची जा सकती हैं. हालांकि इसमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है

  • ट्रेडिंग प्राइस (NAV से ज्यादा/कम हो सकता है)
  • लिक्विडिटी (यानी खरीदार-बेचने वालों की संख्या)
  • बिड-आस्क स्प्रेड (खरीद और बिक्री कीमत के बीच का अंतर)

विदेशी फंड्स आपको बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इसमें नियम, रिस्क और सही समय की जानकारी जरूरी है. अगर भविष्य में SEBI और RBI निवेश की लिमिट बढ़ाते हैं, तो ये फंड्स दोबारा नए निवेश के लिए खुल सकते हैं. तब तक, एक्सचेंज के जरिए ETF में निवेश एक बढ़िया विकल्प हो सकता है अगर आप थोड़ा रिस्क लेने को तैयार हैं.