इस साल विजन की फिल्मों में कंट्रोवर्सी ने किया कमाल, बॉक्स ऑफिस पर बरसी सफलता

मुंबई : फिल्मों का विवादों से पुराना नाता रहा है। अक्सर कोई न कोई फिल्म को लेकर विवाद छिड़ जाता है। कई बार इन विवादों का फिल्मों को फायदा होता है, तो कई बार ये विवाद फिल्मों के लिए घातक साबित हो जाते हैं। हालांकि, रिलीज से पहले फिल्मों को लेकर होने वाले विवादों को लेकर कई बार ये भी कहा जाता है कि ये फिल्म को चर्चा में लाने के लिए और थिएटर में दर्शकों को खींचने के लिए मेकर्स का एक पीआर स्टंट होता है। इन दिनों दिनेश विजन के मैडॉक फिल्म्स की आगामी फिल्म ‘परम सुंदरी’ विवादों में घिरी हुई है।

कई रिलीज डेट टलने के बाद फाइनली 29 अगस्त को आने वाली यह फिल्म अपनी रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। हालांकि, ये पहला मौका नहीं है, जब दिनेश विजन की फिल्म विवादों में घिरी हो। खासकर इस साल रिलीज हुई मैडॉक की लगभग हर फिल्म को लेकर ही रिलीज से पहले विवाद हुआ है, जिससे फिल्मों को जबरदस्त पब्लिसिटी भी मिली है और विवाद के बाद रिलीज हुई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी हिट रही है। ऐसे में अब सवाल ये ही उठता है कि क्या विवाद, फिल्मों को हिट कराने का एक नया पीआर स्टंट बन गए हैं। जानते हैं मैडॉक की इस साल रिलीज हुई किन फिल्मों पर छिड़े विवाद।

स्काई फोर्स:अज्जमादा बोप्पय्या देवय्या की पहचान को लेकर विवाद

मैडॉक के लिए साल 2025 की शुरुआत अक्षय कुमार और वीर पहाड़िया की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ‘स्काई फोर्स’ से हुई। फिल्म की कहानी 1965 के भारत-पाकिस्तान हवाई युद्ध में पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर भारत के पहले हवाई हमले पर केंद्रित है। इस फिल्म को लेकर विवाद उठा कि फिल्म में स्क्वाड्रन लीडर अज्जमादा बोप्पय्या देवय्या को तमिल के रूप में दिखाया गया है। इससे कोडवा समुदाय नाराज हो गया। क्योंकि उनका कहना था कि वह कर्नाटक के कोडागु में कोडवा समुदाय से थे। वहीं फिल्म को लेकर एक विवाद इसके कलेक्शन से जुड़ा था, जहां ये कहा गया कि मेकर्स ने खुद ही फिल्म की टिकटें खरीदकर कलेक्शन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है। इन विवादों से फिल्म सुर्खियों में आ गई और बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी।

छावा: औरंगजेब और गलत इतिहास दिखाने पर छिड़ी बहस

इस साल मैडॉक की दूसरी फिल्म थी विक्की कौशल की ‘छावा’, जिसने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्डतोड़ कमाई की। लेकिन छावा को लेकर भी जमकर विवाद हुआ। ‘छावा’ पर सबसे बड़ा आरोप इतिहास को तोड़-मरोड़कर दिखाने के लगे। फिल्म में गनोजी और कान्होजी नाम के दो किरदारों को गलत तरीके से दिखाने पर मराठा नाराज हो गए और उन्होंने फिल्म का विरोध किया। यही नहीं इसको लेकर फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतरेकर को माफी भी मांगनी पड़ी।

यह विवाद कई दिनों तक जारी रहा, वहीं दूसरी ओर फिल्म को इस विवाद से जमकर पब्लिसिटी और सुर्खियां मिलीं। इसका फायदा कहीं न कहीं कलेक्शन में भी फिल्म को हुआ। वर्ल्डवाइड लगभग 8 करोड़ की कमाई करने वाली इस फिल्म की रिलीज के बाद औरंगजेब को लेकर भी एक तगड़ी बहस छिड़ी थी।

भूल चूक माफ: मेकर्स और मल्टीप्लेक्स चेन में छिड़ा विवाद

भूल चूक माफ को लेकर विवाद फिल्म के मेकर्स और मल्टीप्लेक्स चेन के बीच ही हो गया था। दरअसल, पहले फिल्म 9 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी, लेकिन पाकिस्तान के साथ तनाव के कारण निर्माताओं ने इसे 16 मई को सीधे प्राइम वीडियो पर रिलीज करने का फैसला किया। इसके बाद मल्टीप्लेक्स चेन पीवीआर-आईनॉक्स ने आरोप लगाया कि निर्माताओं ने उनके साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है।

विवाद इतना बढ़ा कि मल्टीप्लेक्स चेन मेकर्स के खिलाफ कोर्ट चले गए। हालांकि, इसके बाद दोनों में समझौता हुआ और फिल्म 23 मई को पहले सिनेमाघरों में रिलीज हुई और उसके दो सप्ताह बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की गई। विवाद के बाद रिलीज हुई फिल्म को अच्छी खासी पब्लिसिटी मिली और सिनेमाघरों में भी फिल्म ने ठीकठाक कमाई करते हुए बजट निकाल लिया। इसके बाद ओटीटी पर भी फिल्म को लोगों ने देखा।

तेहरान: रिलीज को लेकर मनमुटाव

जॉन अब्राहम की हालिया ओटीटी रिलीज एक्शन-थ्रिलर फिल्म ‘तेहरान’ सच्ची घटनाओं पर आधारित है। फिल्म 2012 के दिल्ली बम धमाकों पर आधारित है, जिसमें इजरायली राजनयिक ताल येहोशुआ कोरेन पर हमला हुआ था। फिल्म में ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष को दिखाया गया है। फिल्म के सिनेमाघरों में रिलीज न करने को लेकर फिल्म के मेकर्स और कास्ट में मनमुटाव हुआ था। हालांकि, बाद में सब कुछ सुलझ गया। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि विषय विवादास्पद है, जिसके कारण सिनेमाघरों ने इसे रिलीज करने से परहेज किया। वहीं फिल्म के प्रमोशन के दौरान जॉन अब्राहम के बयान भी सुर्खियों में रहे थे। जब फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई तो, इसे क्रिटिक्स और ऑडियंस दोनों के मिले-जुले रिस्पॉन्स मिले।

परम सुंदरी: चर्च में रोमांटिक सीन देख भड़का ईसाई समुदाय

हालिया विवाद दिनेश विजन और मैडॉक की आगामी फिल्म ‘परम सुंदरी’ को लेकर छिड़ा है। दरअसल, फिल्म के ट्रेलर में चर्च में दिखाए गए सिद्धार्थ मल्होत्रा और जान्हवी कपूर के एक सीन को लेकर ईसाई समुदाय नाराज हो गया है। उनका कहना है कि चर्च के अंदर अश्लीलत दिखाई गई,  जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यही नहीं ईसाई समुदाय का कहना है कि मेकर्स इस सीन को हटाएं और माफी मांगे, नहीं तो वो कोर्ट जाएंगे। हालांकि, अभी तक मेकर्स की ओर से इस मामले में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। फिलहाल इस विवाद से फिल्म को पब्लिसिटी तो मिल गई है और अब फिल्म को लेकर चर्चा भी हो रही है। ऐसे में अब देखना ये है कि 29 अगस्त को रिलीज होने वाली इस फिल्म को विवाद का लाभ बॉक्स ऑफिस पर भी मिल पाता है या नहीं।

विवाद या पीआर स्टंट

देखा जाए तो इस साल अब तक आईं दिनेश विजन के मैडॉक की हर फिल्म को लेकर कोई न कोई विवाद जरूर उठा है और हर फिल्म सफल भी रही है। ऐसे में अब सवाल ये ही है कि क्या रिलीज से पहले फिल्मों को लेकर उठने वाले विवाद एक पीआर स्टंट होते हैं, जिन्हें कहीं न कहीं मेकर्स खुद जन्म देते हैं ताकि फिल्म को पब्लिसिटी मिली और उनसे फिल्मों को फायदा पहुंचे। क्योंकि कई मौकों पर यह देखने को मिला है कि जब भी किसी फिल्म को लेकर विवाद उठा है, तो उस फिल्म की चर्चा तो हुई ही, साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन भी किया है।

ये कोई नया फॉर्मूला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे कई उदाहरण हैं, जब फिल्मों को लेकर विवाद उठा और फिल्में बॉक्स ऑफिस पर छप्पर फाड़ कमाई कर गईं। इस लिस्ट में संजय लीला भंसाली की भी कई फिल्में शामिल हैं, जिनमें ‘गोलियों की रासलीला राम लीला’ से लेकर ‘पद्मावत’ और ‘बाजीराव मस्तानी’ व ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ तक का नाम शामिल है। इसके अलावा शाहरुख खान की ‘पठान’ और शाहिद कपूर की ‘कबीर सिंह’ व रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ भी इसी फेहरिस्त का हिस्सा हैं।

मौजूदा वक्त में ‘परम सुंदरी’ को लेकर उठे विवाद के बीच वॉचडॉग फाउंडेशन के फाउंडर निकोलस अल्मेडा ने इसको लेकर हुई बातचीत में इसे फिल्म मेकर्स की सोची-समझी एक रणनीति बताते हुए कहा, “फिल्ममेकर बार-बार यही तरीका अपनाते हैं- धार्मिक भावनाओं से खेलो, विवाद खड़ा करो और फिर फिल्म को पब्लिसिटी मिल जाती है। इसका फायदा उनकी फिल्म को भी मिलता है।”

वहीं वकील गॉडफ्रे प्रिमेंटा ने इसको लेकर कहा, “फिल्ममेकर अब जानबूझकर विवादों का फायदा उठाने लगे हैं। यह पहला मामला नहीं है। बार-बार ऐसा किया जाता है ताकि लोगों की जिज्ञासा बढ़े और वो टिकट खरीदें। इसे हम कमर्शियल एक्सप्लॉइटेशन ऑफ रिलीजियस सेंटीमेंट्स कहते हैं।”

फिलहाल इस बात से परहेज तो नहीं किया जा सकता कि विवाद उठने से फिल्मों को एक पब्लिसिटी जरूर मिल जाती है। जिससे कई बार कलेक्शन में भी फिल्मों को इसका फायदा मिलता है।