वैशाली–इंदिरापुरम के हजारों फ्लैट मालिकों पर 624 करोड़ का बोझ, गाजियाबाद में शुरू हुई वसूली की प्रक्रिया

गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने वैशाली और इंदिरापुरम के किसानों के लिए एक अच्छी खबर दी है। अब उन्हें उनकी जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। इसके लिए जीडीए ने किसानों की एक लिस्ट बनानी शुरू कर दी है, ताकि सभी को सही समय पर और सही हिसाब से मुआवजा दिया जा सके। इसके साथ ही किसी को गलत मुआवजा न दिया जाए। वहीं, बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए जीडीए को पैसों की जरूरत है, इसलिए प्राधिकरण ने उन लोगों से पैसे वसूलने का फैसला किया है, जिन्हें इन इलाकों में प्लॉट या फ्लैट दिए गए है।

सोमवार को जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। जल्द से जल्द किसानों और आवंटियों की लिस्ट तैयार की जाए। इसके बाद किसानों को उनका हक मिलेगा और इस मीटिंग में यह निर्देश दिया गया कि आवंटियों से वसूली का काम शुरू होगा। वैशाली योजना में रहने वाले हजारों लोगों से जल्द ही जीडीए करीब 275 करोड़ रुपये रुपये की वसूली की तैयारी कर रहा है, जबकि इंदिरापुरम के आवंटियों से 349 करोड़ रुपये की वसूली होगी। क्योंकि जीडीए को अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसानों को जमीन का अधिक मुआवजा देना पड़ रहा है। जीडीए की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हो चुका है। अब सभी को नोटिस दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नोटिस मिलने के तीन महीने के भीतर आवंटियों को पैसा जमा करवाना पड़ेगा। ऐसा न करने पर आवंटियों पर आरसी की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया मुआवजा
मालूम हो कि जीडीए ने वैशाली की जमीन का अधिग्रहण करीब 32 साल पहले किया था, उस समय 50 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मुआवजे मुआवजा राशि को बढ़ाकर 297 रुपये प्रति गज कर दिया है, तब से लेकर अब तक ब्याज के साथ 2400 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से किसानों को मुआवजा देना पड़ रहा है। यह राशि कुल मिलाकर 275 करोड़ के आसपास आ रही है।

1983 में हुआ था अधिग्रहण
इंदिरापुरम और वैशाली योजना के लिए जीडीए ने 1983 में जमीन का अधिग्रहण किया था। वैशाली में 485 एकड़ और इंदिरापुरम में 1285 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। डेवलपमेंट चार्ज समेत अन्य खर्च को जोड़ जीडीए ने यहां पर 695 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से वैशाली में भूमि का आवंटन किया था।

जाने यह है नियम
जीडीए जब भी अपने किसी भी भूखंड और फ्लैट की रजिस्ट्री करता है तो उसमें शर्त होती है कि यदि किसान से अधिग्रहित जमीन का भविष्य में अधिक मुआवजा देना पड़ता है तो वसूली आवंटियों से की जाएगी।