एक घंटे तक बादलों की गरज और आसमान से रोमांच, रायपुर वालों को मिला मानसूनी तोहफा

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार की शाम पांच बजे के बाद तेज गर्जना के साथ जमकर बादल गरजे। इस दौरान कमल विहार समेत कई इलाकों में जमकर बारिश हुई। वहीं रायपुरा क्षेत्र में इस साल पहली बार ऐसा नजारा देखा गया जिसे देखकर लोग अचंभित रह गये। यहां काली घटाओं के साथ करीब एक घंटे तक बादल लगातार हल्के-हल्के गरजते रहे। लोगों का कहना था कि जिस तरह से प्लेन में बैठने पर हवाई जहाज के चलने पर गड़गड़ाहट होती रहती है, ठीक उसी तरह करीब एक घंटे तक रायपुरा क्षेत्र में बादलों की गड़गड़ाहट होती रही। आसमान में चारों तरफ काली घटायें छाई हुई थीं। बादल लगातार गरज रहे थे। 

इस दौरान बीच-बीच में हल्की-हल्की बिजली भी चमक रही थी। आसमान में घने काले बादल छाये रहने और बादल गरजने के बाद भी रायपुरा क्षेत्र में बारिश नहीं हुई। हालांकि नाममात्र की बूंदाबांदी होती रही। इस संबंध में अमर उजाला ने मौसम विज्ञानी से बातचीत की।

मौसम एक्सपर्ट एचपी चंद्रा ने बताया कि यह मुख्य रूप से बादलों में अचानक से तापमान में बदलाव के कारण होता है। यह तब होता है जब दो अलग तरह के बादल आस-पास आ जाते हैं, जिसमें एक गर्म और दूसरा ठण्डा होता है। यानी अधिक गर्मी और उमस की वजह से भी ऐसा सिस्टम बन जाता है। बादल आपस में टकराने से भी ध्वनि निकलती रहती है। अचानक से ऊर्जा बाहर निकलने लगती है और इसी कारण चमक और गरज के साथ बिजली भी गिरती है।

यह बिलकुल उस तरह का है, जैसे एक गर्म बर्तन पर ठंडा पानी डालने जैसा। जिससे ऊर्जा निकलती है और आवाज भी आता है। हालांकि तापमान में अधिक बदलाव होने के कारण ऊर्जा बिजली का रूप ले लेती है। ऐसा मुख्य रूप से तब होता है, जब तापमान गर्म होता है और ऊपर की ओर सफेद बादल हो जो सूर्य के प्रकाश में अधिक गर्म हो जाता है।

मौसम एक्सपर्ट एमएल साहू ने बताया कि जब दूसरे क्षेत्र से ठंडी हवा के साथ वर्षा वाले काले बादल भी आ जाते हैं। इससे अचानक तापमान में बदलाव आ जाता है। लेकिन जब यह शांत हो जाता है तो बादल की गड़गड़ाहट या गर्जना भी कम होने लगता है। थंडरस्ट्रोम की वजह से भी ऐसा होता है। वहीं बिजली भी धीरे-धीरे शांत हो जाती है। जहां केवल एक ही प्रकार के मौसम हो और दूसरे तापमान के बादल न आते हो तो वहाँ बिजली नहीं बन पाती और न ही कोई गरज या चमक होती है।