टीमकगढ़ (ओरछा)। बुंदेलखंड की अयोध्या के नाम से विख्यात धार्मिक नगरी ओरछा में श्रावण तीज पर भगवान रामराजा झूले पर विराजमान हो गए हैं। इस दौरान रामराजा सरकार के दर्शन के लिए दुनियाभर से लाखों श्रद्धालु सावन के महीने में ओरछा पहुंचते हैं। दरअसल, ओरछा में सावन तीज का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन भगवान रामराजा गर्भगृह से निकलकर झूले पर विराजमान होते हैं। वे पूरे परिवार के साथ झूले पर बैठते हैं और अपनी प्रजा की सुनवाई करते हैं। यह परंपरा राजशाही काल से चली आ रही है। ओरछा का राम मंदिर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पूजा भगवान के रूप में नहीं, बल्कि राजा के रूप में की जाती है। इस अवसर पर स्थानीय नगर परिषद तीन दिवसीय मेले का आयोजन भी करती है।
ओरछा के तहसीलदार सुनील बाल्मीकि ने बताया कि जब भगवान रामराजा तीन दिन के लिए गर्भगृह से बाहर आते हैं, तो श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, साथ ही अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी भी मंदिर परिसर में लगाई गई है। भगवान रामराजा 29 जुलाई तक झूले पर विराजमान रहेंगे, उसके बाद वे गर्भगृह में वापस चले जाएंगे। श्रद्धालु विनय तिवारी ने बताया कि वर्ष में एक बार राजा राम गर्भगृह से बाहर आकर झूले पर विराजते हैं और अपने भक्तों को दर्शन देते हैं, इस दौरान मांगी गई मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।