ढाबे पर काम करने वाले के खाते में 46 करोड़ का लेन-देन! इनकम टैक्स की टीम भी रह गई दंग, शुरू हुई गहन जांच

भिंड: जिले के गांधी नगर निवासी और ग्वालियर के एक ढाबे पर खाना बनाने वाले रवींद्र सिंह चौहान के सामने जिंदगी का सबसे बड़ा संकट तब खड़ा हो गया, जब आयकर विभाग से करोड़ों रुपये के लेनदेन का नोटिस उनके घर पहुंचा। सरकारी विभाग के इस नोटिस में लिखा था कि रवींद्र के बैंक खाते में 46 करोड़ 18 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। गरीब खानसामा रवींद्र यह सुनकर दंग रह गया, क्योंकि उसकी मासिक आमदनी से घर का खर्च ही मुश्किल से चलता है।

अप्रैल में आया था पहला नोटिस
रवींद्र के मुताबिक, पहला नोटिस अप्रैल में आया था। उस समय वह पुणे में हेल्पर की नौकरी कर रहे थे और घरवाले अंग्रेज़ी में आए पत्र को समझ नहीं पाए। जुलाई में दोबारा नोटिस आने के बाद मामला गंभीर लगने लगा और रवींद्र नौकरी छोड़कर घर लौटे। मोहल्ले के वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया को दिखाए गए नोटिस में करोड़ों के लेनदेन का जिक्र था।

जांच में निकला एक और खाता
जांच के लिए रवींद्र ने अपने पंजाब नेशनल बैंक (भिंड) खाते का पांच साल का स्टेटमेंट निकलवाया, जिसमें तीन लाख रुपये तक का भी लेनदेन नहीं मिला। लेकिन आगे पता चला कि दिल्ली के उत्तम नगर शाखा में उनके नाम से एक और खाता है, जिसमें 12.5 लाख रुपये जमा हैं और वही खाता एक कंपनी 'शौर्य ट्रेडर्स' से जुड़ा है, जिसके माध्यम से 46 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ।

सुपरवाइजर ने खुलवाया था खाता
रवींद्र ने खुलासा किया कि कुछ साल पहले ग्वालियर के मेहरा टोल प्लाजा पर मेस हेल्पर के रूप में काम करते समय उनके सुपरवाइजर शशिराय भूषण ने उनके नाम पर बैंक खाता खुलवाया था। रवींद्र ने आपत्ति जताई थी, लेकिन उन्हें झांसा देकर खाता बंद हो गया है, यह कहकर बात दबा दी गई। अब वही खाता बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल हुआ।

साइबर सेल में दर्ज कराई शिकायत
इस मामले में रवींद्र ने ग्वालियर के सिरोल थाना, एसपी जनसुनवाई और स्टेट साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया ने कहा कि सभी साक्ष्य पुलिस व आयकर विभाग को सौंप दिए गए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गरीब खानसामा न्याय की गुहार लगा रहा है और चाहता है कि पुलिस जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई करे, ताकि उस पर लगाए गए भारी-भरकम टैक्स के झूठे आरोप से मुक्ति मिल सके।