उज्जैन: आज जमाना तेजी से आगे बढ़ रहा है, नए-नए अविष्कार और तकनीक का सहारा लेकर लोग चांद और मंगल ग्रह पर जाकर रिसर्च कर रहे हैं. लोग पढ़ाई-लिखाई, आत्मनिर्भर होने के बारे में सोच रहे हैं. वहीं देश के कुछ हिस्सों में अभी भी पुराने रीति-रिवाजों का चलन है. हालांकि कई बार ग्रामीणों द्वारा लिए गए फैसले समाज और परिवेश के लिए अच्छे होते हैं, तो कई बार कुछ फैसले किसी के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं. कुछ इसी तरह का हैरान करने वाला मामला उज्जैन जिले के पिरझालर गांव से सामने आया है.
पुजारी परिवार और सर्व समाज के बीच विवाद
पिरझालर गांव में आज भी पंचायत राज कायम है. एक पुजारी परिवार का सर्व समाज ने एकजुट होकर बहिष्कार कर दिया है. लगभग 300 वर्ष पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर पुजारी परिवार व ग्रामीणों (सर्व समाज) के बीच छिड़ी बहस ने विवाद का रूप ले लिया है. गांव में इस मुद्दे को लेकर सर्व समाज की नाराजगी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मंदिर में 14 जुलाई को आयोजित एक बैठक में ग्रामीण पुजारी परिवार को बहिष्कृत यानि बॉयकॉट करने की बात कर रहे हैं.
वीडियो में स्पष्ट सुनाई दे रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि पुजारी परिवार से गांव का कोई भी व्यक्ति संपर्क करता है, तो उसे 51000 रु आर्थिक दंड भुगतान होगा. आइए जानते हैं इस पूरे मामले में पुजारी परिवार, सर्व समाज और उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह का क्या कहना है?
जानें बहिष्कार के मुख्य बिंदु
गांव के नागराज मंदिर में आयोजित सर्व समाज की बैठक के एक वीडियो में कहा गया कि पूनमचंद चौधरी, मुकेश चौधरी परिवार को पूरा गांव बहिष्कार करता है. बहिष्कार की कुछ शर्त है. कोई भी ब्राह्मण चौधरी के घर पूजा पाठ, कर्म कांड करने नहीं जाएगा. कोई भी नाई दाढ़ी, कटिंग बनाने नहीं जाएगा. कोई मजदूर मजदूरी करने नहीं जाएगा. समाज का व्यक्ति साफ सफाई करने नहीं जाएगा, शादी-विवाह त्योहारों पर कोई नहीं जाएगा. पिरझालर के किसी स्कूल में चौधरी परिवार के बच्चे हों, उन्हें निष्कासित किया जाए.
पंच के इस निर्णय के बाद कोई उल्लंघन करता है, तो उस पर 51 हजार रुपए का आर्थिक दण्ड लगाया जाएगा. हालांकि बीच सभा में उठकर एक शख्श ने बच्चों को स्कूल जाने के लिए समर्थन दिया. उसने कहा कि ऐसा ना होने दे. दरअसल, उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील क्षेत्र से 10 किलोमीटर दूरी पर पिरझालर गांव है. इस गांव की आबादी 4000 करीब है. जहां सर्व समाज के लोग रहते हैं. गांव में सबसे ज्यादा, माली, राजपूत, पटेल समाज के लोग हैं, व अन्य सभी समाज से लोग रहते हैं.
क्या बोला पुजारी परिवार
गांव के पुजारी परिवार के 36 वर्षीय कमल चौधरी ने बताया " लगभग 300 वर्ष पुराना देव धर्मराज देवनारायण का मंदिर लाल माता मंदिर के पास गली में शासकीय भूमि पर है. हमारे परिवार की 4 पीढ़ियां मंदिर में भगवान की सेवा करता आ रहा है. गांव में हमारे चौधरी समाज के 40 घर (परिवार) हैं. सभी ने मिलकर 7 लाख रु मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए एकत्रित किए, लेकिन गांव के बाकी सर्व समाज के लोग इकट्ठा होकर मंदिर में स्थापित प्रतिमा को गांव के चौराहे पर मंदिर बनाकर स्थापित करना चाहते हैं. जिस पर हमने सहमति नहीं दी.
पुजारी परिवार ने कहा कि जो प्राचीन मंदिर है, उसे ही जीर्णोद्धार कराया जाए या फिर देवनारारण मंदिर के नाम से गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर 4 बीघा जमीन है, वहां मंदिर का निर्माण किया जाए, जो शासन के अधीन ही आती है, लेकिन सर्व समाज ऐसा नहीं चाहता है. सर्व समाज गांव के चौराहे पर मंदिर बनाना चाहता है.
इसी बात को लेकर विवाद बना हुआ है. इस बात को लेकर सर्व समाज ने पुजारी चौधरी परिवार यानि पूनम चंद चौधरी उनके दोनों बेटे कमल और मुकेश चौधरी का परिवार सहित सार्वजनिक रूप से बहिष्कार करने का फैसला लिया है. बच्चों को स्कूल में एंट्री नहीं दी जा रही है."
स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे
पुजारी परिवार से कमल चौधरी ने का आरोप है कि उनके तीन बच्चे हैं, जो गांव के ही पास प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं. सर्व समाज के बहिष्कार के फैसले के बाद से तीनों बच्चों की पढ़ाई छूट गई है. बीते 3 दिन से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. पुजारी परिवार से कमल ने कहा हमने इसकी शिकायत उज्जैन जिला कलेक्टर रोशन कुमार सिंह से की है. उन्होंने न्याय का आश्वासन दिया है, लेकिन 3 दिन हो गए, कोई अभी तक देखने पूछने नहीं आया है."
वीडियो में फैसला सुना रहे शख्श ने क्या कहा
इस मामले में सर्व समाज की ओर से नागराज मंदिर में चौधरी परिवार के बहिष्कार का अनाउंसमेंट करने वाले गोकुल सिंह देवड़ा गांव के पूर्व पंचायत मंत्री व मूल निवासी हैं. वर्तमान में वे आमला गांव में पंचायत के सचिव हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ डराने के लिए पुजारी परिवार के लिए सर्व समाज द्वारा कहा गया है. इससे पहले भी सर्व समाज की एक बैठक हुई थी. जिसमें चौधरी परिवार भी शामिल था. उस दौरान तय हुआ था कि सर्व समाज चंदा कर देवनायरण मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा.
चौराहे पर मंदिर स्थापित करने सहमत हुआ था पुजारी परिवार
मंदिर को वर्तमान जगह से 500 मीटर दूर चौराहे पर स्थापित करेंगे, क्योकि अभी जहां मंदिर है, वो जगह कम है. चौधरी परिवार ही पूजन और मंदिर के नाम से जो जगह है, उसकी देखरेख करेगा, ये सब बातें तय हुई थीं. मंदिर के निर्माण का काम भी शुरू हो गया था और 6 लाख तक का निर्माण भी हो गया था. फिर अचानक चौधरी परिवार उस फैसले से मुकर गया. वे पुराने मंदिर के जीर्णोद्धार की बात करने लगे, जबकि हम चौराहे पर मंदिर बनाकर प्रतिमा को स्थापित करने की बात कह रहे हैं. सर्व समाज ने समझाया कि काम शुरू हो गया है, लेकिन चौधरी परिवार नहीं माना.
इसके बाद 14 जुलाई को फिर बैठक रखी गई. जिसमें पुजारी परिवार को बुलाया, लेकिन वे नहीं आए. उन्होंने गांव के चौकीदार कालू से संदेश पहुंचवाया कि वे उसी जगह पर अपना मंदिर अलग बनाएंगे. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने पुजारी परिवार को डराने के लिए कड़ा फैसला लिया. इसमें बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं है."
कलेक्टर रोशन कुमार सिंह
इस मामले में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के पास पुजारी परिवार ने एक शिकायती आवेदन दिया है कि उनका बहिष्कार किया गया. जिसको लेकर कलेक्टर रोशन कुमार सिंह का कहना है कि "इस पूरे मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. जांच के लिए आदेश दिए गए हैं.