जबलपुर : आपने मीठे पान, आइस क्रीम, केक से लेकर मिठाइयों तक में टूटी फ्रूटी की टॉपिंग जरूर खाई होगी. पर क्या आप जानते हैं कि जबलपुर में बन रही टूटी-फ्रूटी सड़े हुए पीपीतों से तैयार हो रही है? दरअसल, मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में फूड सेफ्टी अधिकारियों ने एक फैक्ट्री पर छापा मारा तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है. खूबसूरत रंग-बिरंगी दिखने वाली ये टूटी फ्रूटी बेहद गंदगी और सड़े हुए माल से तैयार की जा रही थी.छापा मारने वाली फूड सेफ्टी टीम ने जब टूटी-फ्रूटी का कच्चा माल देखा तो बजबजाती गंदगी देख उसे तुरंत नष्ट करवाया.
टूटी-फ्रूटी को लेकर मिल रही थी शिकायतें
जबलपुर के फूड सेफ्टी ऑफिसर देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया, '' बीते दिनों उन्हें एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि बाजार में जो टूटी-फ्रूटी आ रही है वह बहुत ही अनहाइजीनिक तरीके से बनाई जा रही है. इस शिकायत के आधार पर हमारी टीम ने जबलपुर के पनागर में ज्योति फूड नाम की एक टूटी-फ्रूटी की फैक्ट्री में छापा मारा.''
नमक के पानी में पपीतों को स्टॉक
देवेंद्र दुबे ने बताया, '' दरअसल, टूटी फ्रूटी कच्चे पपीते से बनाई जाती है लेकिन पपीते साल भर उपलब्ध नहीं होते. इसलिए व्यापारी उस समय पपीते खरीदते हैं जब कच्चा पपीता सस्ता होता है. इस दौरान फैक्ट्री वाले बड़े पैमाने पर इन पपीतों को खरीद लेते हैं. इसके बाद इन्हें छीलकर ड्रम में भरकर रख दिया जाता है. और इन ड्रमों में नमक का पानी भर दिया जाता है. नमक के पानी में पपीते बहुत दिनों तक खराब नहीं होते और जरूरत के हिसाब से फैक्ट्री इन्हें निकाल कर टूटी-फ्रूटी बनाती रहती है.
सड़े हुए पपीतों से बन रही थी टूटी-फ्रूटी
फूड सेफ्टी ऑफिसर ने आगे बताया, '' जब हम फैक्ट्री परिसर में पहुंचे तो वहां सैकड़ों की तादाद में नीले ड्रम मिले, जिनमें बड़ी तादाद में छिला हुआ कच्चा पपीता डाला गया था. लेकिन कई ड्रमो में पपीता सड़ गया था और कई में फफूंद लगी हुई थी. जाहिर सी बात है कि जब इतना माल सड़ गया तो बाकी माल की हालत भी खराब होगी और इसी खराब माल से टूटी-फ्रूटी बना रही थी.
हमारी टीम ने फैक्ट्री के भीतर रखा हुआ खराब माल नष्ट करवाया और अब फैक्ट्री के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. फैक्ट्री को हिदायत भी दी गई है कि उन्होंने बाजार में जहां भी इस माल की सप्लाई की है, उसकी जानकारी दें.''
टूटी फ्रूटी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कई प्रकार के खाने में किया जाता है. केक, आइस क्रीम, फालूदा और मिठाई जैसे खाद्य पदार्थों में तो टूटी फ्रूटी का इस्तेमाल होता है. इसका सबसे ज्यादा उपयोग मीठे पान और उन्य स्वीट डिशेज में होता है, जिसे बच्चे भी बड़े चाव से खाते हैं. लेकिन जिस तरीके से इस फैक्ट्री में टूटी फ्रूटी को बनाया जा रहा है वह लोगों के स्वास्थ्य से बड़ा खिलवाड़ है.

 
			 
			 
			 
			