विकास का इंजन बनने और तेल आधारित अर्थव्यवस्था से अपनी दूरी बनाने की योजना के तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने नए वीजा कार्यक्रम की जानकारी दी है। खाड़ी देश ने निवेशकों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, एथलीटों और छात्रों के लिए 10 साल तक रहने देने की पेशकश करने के लिए अपने वीजा कार्यक्रम में बदलाव किया है। यूएई के अधिकारियों ने कहा कि यूएई का 'गोल्डन वीजा' कार्यक्रम प्रतिभाशाली और उच्च-निवल-संपत्ति वाले भारतीयों और अन्य राष्ट्रीयताओं को खाड़ी देश में लंबे समय तक रहने का अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा विनियमित वीजा कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आवेदकों को देश में काम करने वाले अन्य प्रवासियों के विपरीत, निवास के लिए किसी प्रायोजक की आवश्यकता नहीं होती है। सामरिक मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार, यूएई उन भारतीयों के लिए पसंदीदा स्थान है जो बेहतर भविष्य की तलाश में हैं, और गोल्डन वीजा कार्यक्रम में यह प्रावधान उन लोगों के लिए मददगार होगा जो इस खाड़ी देश में दीर्घकालिक प्रवास की तलाश में हैं।
गोल्डन वीजा पहल को पिछले कुछ वर्षों में यूएई के वीज़ा कार्यक्रम में बदलाव के एक हिस्से के रूप में शुरू किया गया है। लगभग 3.5 मिलियन की संख्या वाला भारतीय प्रवासी समुदाय संयुक्त अरब अमीरात में सबसे बड़ा विदेशी समुदाय है, जो देश की जनसंख्या का लगभग 35 प्रतिशत है। नई दिल्ली और अबू धाबी द्वारा 2022 में एक महत्वाकांक्षी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद द्विपक्षीय व्यापार और लोगों के बीच संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उपरोक्त अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत, यूएई सरकार व्यापार, विज्ञान, चिकित्सा, कला, संस्कृति, मीडिया और खेल जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए गोल्डन वीजा प्रदान करती है।
इस योजना के तहत, बिना किसी प्रायोजक की आवश्यकता के, पांच या दस वर्षों के लिए वैध दीर्घकालिक, नवीकरणीय निवास वीज़ा प्रदान किया जाएगा। वीज़ा धारकों को संयुक्त अरब अमीरात से बाहर छह महीने की सामान्य अवधि से अधिक समय तक रहने का विशेषाधिकार होगा। प्रावधानों के अनुसार, वीज़ा धारक अपने जीवनसाथी और बच्चों सहित अपने परिवार के सदस्यों को, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो, प्रायोजित कर सकेंगे। यह योजना गोल्डन वीज़ा धारक के परिवार के सदस्यों को, गोल्डन वीज़ा के प्राथमिक धारक के निधन की स्थिति में, अनुमत अवधि तक देश में रहने की अनुमति भी देती है।
निवेशकों के लिए गोल्डन वीज़ा प्राप्त करने हेतु, यूएई-मान्यता प्राप्त निवेश कोष में 2 मिलियन एईडी (यूएई दिरहम) (लगभग 4.67 करोड़ रुपये) का निवेश प्राथमिक आवश्यकता होगी। वैकल्पिक रूप से, वैध वाणिज्यिक लाइसेंस या औद्योगिक लाइसेंस तथा एसोसिएशन का ज्ञापन प्रस्तुत करना, जिसमें यह उल्लेख हो कि निवेशक की पूंजी 2 मिलियन दिरहम से कम नहीं है, भी गोल्डन वीज़ा के लिए पात्रता प्रदान करेगा।
आवेदकों को संयुक्त अरब अमीरात के संघीय कर प्राधिकरण से एक पत्र भी प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह उल्लेख हो कि निवेशक प्रावधानों के अनुसार सरकार को प्रतिवर्ष AED 2,50,000 से कम का भुगतान नहीं करता है। प्रावधानों के अनुसार, किसी संपत्ति या संपत्ति के समूह के मालिकों को भी प्रायोजक के बिना पांच वर्ष की अवधि के लिए गोल्डन वीज़ा प्रदान किया जा सकता है, बशर्ते कि उनके पास अचल संपत्ति हो जिसका मूल्य 2 मिलियन दिरहम से कम न हो। छले कुछ वर्षों में भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों में तेजी आई है। अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक पहुंच गए।