इंदौर: मल्हारगंज थाना क्षेत्र में तेज रफ्तार स्कूल बस ने 3 से 4 वाहनों को टक्कर मार दी. जिसमें 4 से 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिनको इलाज के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान एक 16 वर्षीय छात्रा और एक युवक की मौत हो गई है. वहीं स्थानीय लोगों ने बस को रोक लिया और मामले की जानकारी पुलिस को दी. फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
बेकाबू स्कूल बस ने मारी टक्कर
इंदौर के मल्हारगंज थाना क्षेत्र में बुधवार की शाम करीब 4.30 बजे अंतिम चौराहे पर भीषण सड़क हादसा हो गया. एक तेज रफ्तार बस चालक ने 2 छात्राओं, एक बाइक सवार युवक, ऑटो और कार को टक्कर मार दी. इनमें से एक छात्रा और बाइक चालक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई. गंभीर रूप से घायल ऑटो चालक और एक छात्रा का क्लॉथ मार्केट के अस्पताल में इलाज जारी है.
हादसे में छात्रा और युवक की मौत
दरअसल, पूरा मामला यह था कि एक निजी स्कूल की बस का ड्राइवर काफी तेज गति से बस को चलाते हुए जा रहा था. इस दौरान उसने बस के आगे चल रहे बाइक सवार को टक्कर मारी दी. इसके बाद स्कूल से घर लौट रही साइकिल सवार छात्रा मानसी श्रीवास्तव और एक अन्य छात्रा को अपनी चपेट में लेने के बाद ऑटो और कार को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक चालक उछलकर दूर गिरा और लहूलुहान हो गया. वहीं मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बस को रोक लिया और पुलिस को मामले की जानकारी दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया और बस को जब्त करने की कार्रवाई की.
पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी
एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा ने बताया, "इस हादसे में एक छात्रा और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की इलाज के दौरान मौत हो गई है. वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. बस चालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है."
मां की दवा लेने जा रहा था युवक
मृतक एकांश पांड्या के भाई गौरव का कहना है कि "एकांश पांड्या सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और अपनी मां को अस्पताल में दिखाने के बाद दवाई लेने के लिए घर से निकले थे. घर से कुछ ही दूरी पर बेकाबू स्कूल बस की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई." वहीं मृतक मानसी श्रीवास्तव के परिजन का कहना है कि "मानसी रोजाना साइकिल से स्कूल जाती थी. वैसे ही आज भी वह स्कूल खत्म होने के बाद साइकिल से घर लौट रही थी, तभी यह हादसा हो गया." मानसी श्रीवास्तव 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी. उसका एक छोटा भाई और माता-पिता है. मानसी को पिता एक कंपनी में अकाउंटेंट के पद पर पदस्थ हैं.