लखनऊ: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स-एआईआईएमएस) की तर्ज पर यूपी में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए-AIIA) की स्थापना करवाई जाएगी। इसके लिए वाराणसी में जमीन मिल चुकी है। जल्द संस्थान के भवन का निर्माण शुरू हो जाएगा। आयुष में इलाज के साथ रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए गाजियाबाद यूनानी पैथी और लखनऊ होम्योपैथी के सेंटर पहले से हैं। बनारस में एआईआईए की स्थापना के बाद आयुर्वेद में भी रिसर्च की सुविधा मिलने लगेगी। वाराणसी-गाजीपुर सीमा पर चौबेपुर में प्रदेश का पहला नैचरोपैथी अस्पताल बन रहा है, जो छह महीने में तैयार हो जाएगा। आयुर्वेद दिवस पर आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दियाशंकर मिश्र ने यूपी में शुरू होने वाली नई सुविधाओं को लेकर यह जानकारी दी। एनबीटी से बातचीत में उन्होंने विभाग की संभावनाओं के साथ चुनौतियों के बारे में भी बताया।
एआईआईए को लेकर सवाल-जवाब
डिस्पेसरीज के लिए जितना किराया तय है, उतनी रकम में भवन नही मिल पाते। इस समस्या का समाधान कैसे करेंगे? अब हम सभी डिस्पेंसरीज के लिए अपनी जमीन पर भवन बनाने जा रहे। सभी जिलाधिकारियों को जमीन मुहैया करवाने के लिए पत्र भेजा गया है। बलिया और महराजगंज में यह काम पूरा हो चुका है। प्रॉजेक्ट के पहले फेज में 177 आयुर्वेदिक, 25 यूनानी और 154 होम्योपैथी डिस्पेंसर के लिए नई बिल्डिंग बनाने के प्रॉजेक्ट पर 104 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हर मंडल में आयुष मेडिकल कॉलेज की योजना का क्या हुआ ? इस योजना के तहत एक ही छत के नीचे होम्योपैथी, आयुर्वेद और यूनानी की पढ़ाई के साथ मरीजों को तीनों पद्धति में इलाज मिल सकेगा। गोंडा, बस्ती, मीरजापुर, आगरा और मेरठ में जमीन मिल चुकी हैं।दूरदराज के इलाको में आयुष हॉस्पिटल और डिस्पेसरीज की कमी दूर करने के लिए क्या योजना है? मोबाइल मेडिकल यूनिट का प्रॉजेक्ट शुरू किया गया है। ये यूनिटें पिछड़े इलाकों में जाकर लोगो को इलाज के साथ दवाएं भी देंगी।
