नई दिल्ली: भारत के तेज गेंदबाजों की बात हो और जवागल श्रीनाथ का नाम न आए, ऐसा संभव नहीं। उनकी रॉ पेस यानी रफ्तार ने बल्लेबाजों को अक्सर परेशान किया। पूर्व भारतीय स्पिनर वेंकटपथी राजू ने श्रीनाथ की इसी गेंदबाजी गति से जुड़ी एक पुरानी और दिलचस्प कहानी साझा की है।
राजू ने बताया कि जब श्रीनाथ पहली बार भारतीय टीम के साथ नेट्स पर आए थे, तब टीम इंग्लैंड दौरे की तैयारी कर रही थी। उस समय मनोज प्रभाकर स्विंग बॉलर थे, चेतन शर्मा भी तेज थे, लेकिन श्रीनाथ की गति सबसे अलग थी। नेट्स में अभ्यास के दौरान उन्होंने एक शॉर्ट-पिच गेंद फेंकी जो दिलीप वेंगसरकर के पास तक पहुंचते-पहुंचते इतनी तेज थी कि वे चौंक गए। राजू ने बताया, 'श्रीनाथ ने एक शॉर्ट-पिच बॉल फेंकी, दिलीप भाई ने बैट गिरा दिया और गुस्से में बोले- मैच में आ के दिखा।'
देवधर ट्रॉफी में हुआ असली सामना
इसके कुछ समय बाद, देवधर ट्रॉफी के एक मैच में दोनों आमने-सामने हुए। श्रीनाथ बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन की ओर से खेल रहे थे और वेंगसरकर विपक्षी टीम में थे। उस मैच में श्रीनाथ के कप्तान रवि शास्त्री थे। शास्त्री ने श्रीनाथ को याद दिलाया कि वेंगसरकर ने उन्हें चुनौती दी थी।
राजू ने बताया, 'जब वेंगसरकर बल्लेबाजी करने आए, तो शास्त्री ने श्रीनाथ से कहा- याद है, दिलीप ने क्या कहा था? पहली गेंद बाउंसर डालनी। श्रीनाथ ने वैसा ही किया और वेंगसरकर ने फिर बैट गिरा दिया। वे बोले- बहुत तेज डालता है।' यहीं से श्रीनाथ की तेज गेंदबाजी की पहचान बनी। उस दौर में भारतीय क्रिकेट में कोई और गेंदबाज इतनी गति से नहीं फेंकता था।
'देश के लिए सब कुछ दिया'
वेंकटपथी राजू ने आगे कहा कि श्रीनाथ को उतनी पहचान नहीं मिली जितनी वे डिजर्व करते थे, जबकि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी। उन्होंने कहा, 'कभी-कभी लगता है, श्रीनाथ को भी वही पहचान मिलनी चाहिए थी। बाद में वे मैच रेफरी बने, लेकिन उन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ दे दिया।'
