कांग्रेस पर विश्वास सारंग का तंज: बताया ‘कुंभकरण’, जानिए EC में शिकायत के नियम

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निर्वाचन आयोग और भाजपा सरकार पर चुनावों में धांधली का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि वोट चोरी के माध्यम से ही भाजपा केंद्र और राज्यों में सरकार बना पा रही है. अब इस मुद्दे को केंद्र से लेकर राज्य स्तर तक भुनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी राहुल गांधी के वोट चोरी मुद्दे का समर्थन किया है. उन्होंने मध्य प्रदेश में भाजपा को लेकर वोट चोरी कर सरकार बनाने की बात कही है. इस मामले में मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया है.

'मध्य प्रदेश में वोट चोरी से 27 सीटों पर जीती भाजपा'

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार की दोपहर पत्रकार वार्ता में कहा था कि "प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर वोट चोरी हुई थी. इसी के कारण साल 2023 में भाजपा सत्ता में आई."

इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि "कांग्रेस के नेता राहुल गांधी झूठ और प्रेम की राजनीति कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस के नेता उनके साथ ही सुर में सुर मिला रहे हैं. उमंग सिंघार मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में तो जनता ने 163 सीटों पर भाजपा को समर्थन दिया है. कांग्रेस केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है."

 

'कुंभकरण की तरह आरोप लगा रहे कांग्रेस नेता'

खेल एवं युवा कल्याण और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि "हमारे इतिहास में बताया गया है कि कुंभकरण 6 महीने सोते थे और 6 महीने जागते थे. लेकिन आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस नेता उनसे भी ऊपर उठ गए हैं. आज मध्य प्रदेश सरकार को बने हुए 20 महीने से ज्यादा का समय बीत गया है. मध्य प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी को जनादेश दे चुकी है. इसके बाद कांग्रेस के नेता 625 दिन बाद चुनाव में गड़बड़ी का मामला उठा रहे हैं. यदि कांग्रेस सच में यह मुद्दा उठाना चाहती थी तो निर्वाचन आयोग के सामने जाकर इसकी शिकायत करनी थी, लेकिन कांग्रेस के नेता केवल बयानबाजी तक सीमित हैं."

'वोट चोरी का आरोप सबसे पहले राहुल गांधी के पूर्वजों पर लगा'

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि "देश में जब-जब कांग्रेस की सरकार रही है तो इन्होंने संस्थाओं का दुरुपयोग किया है. जब कांग्रेस विपक्ष में रही तो इन्होंने देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं के खिलाफ प्रश्न चिन्ह उठाने का काम किया. सारंग ने कहा कि देश में सबसे पहले वोट चोरी का आरोप तो राहुल गांधी के पूर्वजों पर लगा था. वोट चोरी के कारण ही सरदार वल्लभभाई पटेल पहले प्रधानमंत्री नहीं बन पाए."

सारंग ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि हम उनकी मन की स्थिति समझ सकते हैं, जिसके नेतृत्व में देश में 90 चुनाव लड़े गए हैं, और उसमें कोई सफल परिणाम नहीं मिला."

 

चुनाव में धांधली होने पर शिकायत का जानिए नियम

मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि "विपक्ष जिस संविधान की बात करता है, इस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 329 बी और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 80 और 81 में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी पार्टी को चुनाव से संबंधित कोई आपत्ति है तो चुनाव होने के 45 दिन के अंदर हाई कोर्ट में याचिका लगा सकते हैं. यदि सच में यह भाजपा सरकार पर आरोप लगा रहे थे तो इनको चुनाव आयोग में जाकर हलफनामा देना चाहिए था."

अधिनियम 1951 स्पष्ट कहता है कि 45 दिन के अंदर चुनाव परिणाम आने के बाद आपको हाईकोर्ट में याचिका के माध्यम से चुनाव को चुनौती देनी चाहिए. सारंग ने चुनाव धांधली के आरोपो को लेकर अब तक लगाई गई याचिकायों का हवाला देते हुए कहा कि "कांग्रेस वोट चोरी का आरोप इसलिए लगा रही है क्योंकि उसे पता है बिहार चुनाव में वह हराने वाले हैं. इसलिए वह अपनी फेस सेविंग के लिए चुनाव में वोट चोरी का मुद्दा उठा रहे हैं."