लगातार बारिश से बढ़ा नर्मदा का जलस्तर, खतरे के निशान के करीब पहुंचा

मंडला। मंडला जिले में बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो गया है। सोमवार सुबह तक बीते 24 घंटे में जिले में 108 मिमी यानी 4.25 इंच वर्षा दर्ज की गई। इससे नर्मदा नदी सहित जिले की कई प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नर्मदा नदी का जलस्तर वार्निंग लेवल पार कर चुका है और खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है।

सोमवार दोपहर 12 बजे नर्मदा नदी का जलस्तर 437.55 मीटर पर दर्ज किया गया, जबकि वार्निंग लेवल 437 मीटर और खतरे का निशान 437.80 मीटर है। पिछले दिन की तुलना में जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। रविवार को नर्मदा का जलस्तर 435.69 मीटर था। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका बढ़ गई है और प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

नर्मदा के साथ-साथ मटियारी, सुरपन और बंजर जैसी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। इससे जिले के कई निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। माहिष्मती घाट स्थित नर्मदा नदी का छोटा पुल एक बार फिर जलमग्न हो गया है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन प्रभावित हुआ है। बारिश के आंकड़ों की बात करें तो 1 जून से 7 जुलाई के बीच मंडला जिले में कुल 700.8 मिमी (27.59 इंच) वर्षा दर्ज की गई है, जो जिले के वार्षिक औसत 1326.2 मिमी का लगभग 52.84% है। यानी सवा महीने में आधे से ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।

प्रशासन द्वारा निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रखा गया है और जरूरत पड़ने पर राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे नदियों और नालों के किनारे जाने से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। जिले में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जल संसाधन विभाग सहित राजस्व विभाग की टीमें क्षेत्र में सक्रिय हैं। यदि बारिश इसी तरह जारी रही, तो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।